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This Article is From Oct 05, 2023

Shardiya Navratri 2023: इस वाहन पर सवार होकर आ रही हैं माता रानी, जानिए कैसा रहेगा अगला साल 

Shardiya Navratri 2023 Date: नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा जिस सवारी पर आती हैं माना जाता है कि उससे आने वाले साल का हाल पता चलता है. जानिए इस साल मां दुर्गा किस वाहन पर आएंगी. 

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Shardiya Navratri 2023: इस वाहन पर सवार होकर आ रही हैं माता रानी, जानिए कैसा रहेगा अगला साल 
Shardiya Navratri Puja: नवरात्रि के नौ दिनों में होती है मां दुर्गा की पूजा. 

Shardiya Navratri 2023: हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व होता है. पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि की शुरूआत हो जाती है. नवरात्रि नौ दिनों की होती है और नौ दिनों में मां दुर्गा (Ma Durga) के नौं रूपों की पूजा की जाती है. इस दौरान भक्त माता रानी के लिए व्रत भी रखते हैं और पूजा-पाठ करके माता को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं सो अलग. माना जाता है कि जिस वाहन पर मां दुर्गा सवार होकर आती हैं उससे आने वाले साल का हाल निर्धारित हो जाता है. ऐसे में यह जानना महत्वपूर्ण है कि इस साल मां दुर्गा की सवारी क्या है. 

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शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा की सवारी 

इस साल मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं. नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी. वाहन के रूप में हाथी (Elephant) पर आना बेहद फलदायी माना जाता है. इस साल नवरात्रि की शुरूआत 15 अक्टूबर, रविवार से हो रही है. जब भी नवरात्रि का पहला दिन रविवार या सोमवार पड़ता है तो मां दुर्गा की सवारी हाथी होता है. माना जाता है कि मां दुर्गा जब भी हाथी पर सवार होकर आती हैं तो अपने साथ ढेरों खुशियां, समृद्धि और ज्ञान लेकर आती हैं. 

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माना जा रहा कि मां दुर्गा की सवारी हाथी होने के चलते यह पूरा साल धन-धान्य से भरा हो सकता है. अनाज के भंडार भरेंगे और देश में सुख-समृद्धि आएगी सो अलग. इस साल वर्षा के अच्छे आसार बन रहे हैं. 

नवरात्रि की घटस्थापना 

पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर की रात 11 बजकर 24 मिनट से शुरू हो जाएगी. अगले दिन 15 अक्टूबर की दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक यह तिथि रहने वाली है. नवरात्रि का पहला दिन इस चलते 15 अक्टूबर, रविवार के दिन है. इस दिन प्रतिपदा तिथि में ही कलश स्थापना की जानी है. 

घटस्थापना (Ghatasthapana) की सामग्री में मिट्टी, जौ, कलावा, मिट्टी या तांबे का कलश, मिठाई, दूर्वा, गंगाजल, लाल पुष्प, सिंदूर, इलायची, पान, अक्षत, आम या अशोक के पत्ते, लाल कपड़ा, नारियल और सुपारी आदि शामिल किए जाते हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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