Shani Dev: धार्मिक दृष्टि से शनिवार के दिन को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इसे शनि देव से जोड़कर देखा जाता है. असल में हर दिन को किसी ना किसी देवी-देवता को समर्पित समझा जाता है और भक्त शनिवार (Saturday) के दिन को शनि देव का दिन मानते हैं. लेकिन, इस शनिवार का महत्व अधिक है. आज 10 दिसंबर के दिन से पितृ पक्ष (Pitra Paksha 2022) शुरू हो गया है और आज शनिवार है जिससे शनि देव की पूजा का खास योग बन गया है.
शनि देव की पूजा, पितृ पक्ष और शनि ढैय्या
हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार शनि देव को न्याय का देवता कहते हैं. माना जाता है कि जो व्यक्ति किसी के साथ बुरा करता है उसे शनि देव दंड देते हैं. लेकिन, शनि देव के बारे में यह भी माना जाता है कि शनि देव अच्छे कर्म करने वाले लोगों को फल भी देते हैं. पितृ पक्ष और शनि देव की पूजा (Shani Puja) भी इसी तरह एकदूसरे से जुड़ी है. धार्मिक कथाओं व मान्यताओं के अनुसार शनि देव व्यक्ति के जीवित रहते हुए भी और उसके मरणोपरांत भी न्याय का फैसला करते हैं और इसीलिए पितृ पक्ष के दिन शनिवार होने पर इस दिन का महत्व और बढ़ गया है.
गौरतलब है कि पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण आदि किया जाता है. वहीं, मान्यतानुसार ये पूजा इसलिए की जाती हैं ताकि पितरों को शांति मिल सके. ऐसे में आज के दिन भक्त विशेष रूप से शनि देव की पूजा भी कर रहे हैं.
जिन राशियों पर शनि की साढ़े साती (Shani Sade Sati) मानी जा रही है उनमें कुंभ, मकर और धनु शामिल हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस समय शनि देव मकर राशि में गोचर कर रहे हैं जिसका प्रभाव उपरोक्त बताई गई राशियों पर पड़ रहा है. इस समय शनि वक्री भी चल रही है. बता दें कि शनि ढैय्या (Shani Dhaiyya) से बचने के लिए भक्त शनि देव की पूजा अर्चना करते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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