उज्जैन:
मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ का पांचवां पर्व स्नान शंकराचार्य जयंती पर आज होगा। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है जिसके चलते प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार पांचवे पर्व स्नान पर क्षिप्रा के तटों पर विशेषकर राम घाट, दत्त अखाड़ा एवं त्रिवेणी घाट पर श्रद्धा, भक्ति एवं परम्परा का संगम देखने को मिलेगा। स्नान पर्व में भाग लेने के लिए श्रद्धालुओं का महाकाल की नगरी उज्जयिनी पहुंचना मंगलवार से ही शुरू हो गया है।
सिंहस्थ कुंभ के दौरान 10 स्नान तिथियां नियत की गई थी। इसमें तीन शाही स्नान एवं सात विशेष पर्व स्नान शामिल है। सिंहस्थ महाकुंभ में अभी तक दो 'शाही स्नान' एवं दो 'विशेष पर्व स्नान' हो चुके हैं।
आज के पर्व स्नान में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या और मौसम के बदले मिजाज के चलते प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। एक पर्व स्नान और शाही स्नान के दौरान आंधी के साथ हुई बारिश ने सिंहस्थ मेला क्षेत्र में व्यवस्थाओं को अस्त व्यस्त किया है।
आगामी दिनों में वृषभ संक्रांति पर्व 15 मई, मोहिनी एकादशी पर्व वैशाख शुक्ल ग्यारह 17 मई, प्रदोष पर्व शुक्ल तेरह 19 मई, नृसिंह जयंती पर्व वैशाख शुक्ल चौदह 20 मई को विशेष पर्व स्नान तथा वैशाख शुक्ल पन्द्रह 21 मई को शाही स्नान होगा।
उल्लेखनीय है कि सिंहस्थ महान धार्मिक पर्व है। बारह वर्ष के अंतर से यह पर्व तब मनाया जाता है जब बृहस्पति सिंह राशि पर स्थित रहता है। पवित्र क्षिप्रा नदी में पुण्य-स्नान की तिथियां चैत्र मास की पूर्णिमा से शुरू होती है और पूरे मास में वैशाख पूर्णिमा के अंतिम स्नान पर विभिन्न तिथि में सम्पन्न होती है। इस महापर्व के लिए पारम्परिक रूप से 10 योग महत्वपूर्ण माने गए हैं।
आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार पांचवे पर्व स्नान पर क्षिप्रा के तटों पर विशेषकर राम घाट, दत्त अखाड़ा एवं त्रिवेणी घाट पर श्रद्धा, भक्ति एवं परम्परा का संगम देखने को मिलेगा। स्नान पर्व में भाग लेने के लिए श्रद्धालुओं का महाकाल की नगरी उज्जयिनी पहुंचना मंगलवार से ही शुरू हो गया है।
सिंहस्थ कुंभ के दौरान 10 स्नान तिथियां नियत की गई थी। इसमें तीन शाही स्नान एवं सात विशेष पर्व स्नान शामिल है। सिंहस्थ महाकुंभ में अभी तक दो 'शाही स्नान' एवं दो 'विशेष पर्व स्नान' हो चुके हैं।
आज के पर्व स्नान में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या और मौसम के बदले मिजाज के चलते प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। एक पर्व स्नान और शाही स्नान के दौरान आंधी के साथ हुई बारिश ने सिंहस्थ मेला क्षेत्र में व्यवस्थाओं को अस्त व्यस्त किया है।
आगामी दिनों में वृषभ संक्रांति पर्व 15 मई, मोहिनी एकादशी पर्व वैशाख शुक्ल ग्यारह 17 मई, प्रदोष पर्व शुक्ल तेरह 19 मई, नृसिंह जयंती पर्व वैशाख शुक्ल चौदह 20 मई को विशेष पर्व स्नान तथा वैशाख शुक्ल पन्द्रह 21 मई को शाही स्नान होगा।
उल्लेखनीय है कि सिंहस्थ महान धार्मिक पर्व है। बारह वर्ष के अंतर से यह पर्व तब मनाया जाता है जब बृहस्पति सिंह राशि पर स्थित रहता है। पवित्र क्षिप्रा नदी में पुण्य-स्नान की तिथियां चैत्र मास की पूर्णिमा से शुरू होती है और पूरे मास में वैशाख पूर्णिमा के अंतिम स्नान पर विभिन्न तिथि में सम्पन्न होती है। इस महापर्व के लिए पारम्परिक रूप से 10 योग महत्वपूर्ण माने गए हैं।
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