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Shab-E-Barat 2025:  इस साल 13 या 14 फरवरी कब है शब-ए-बारात, जानिए इस पर्व को मनाने की खास वजह

Shab-E-Barat Date: शब-ए-बारात के दिन मस्जिद में लोग नमाज अदा करने जाते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं. जानिए इस साल कब मनाई जा रही है शब-ए-बारात. 

Shab-E-Barat 2025:  इस साल 13 या 14 फरवरी कब है शब-ए-बारात, जानिए इस पर्व को मनाने की खास वजह
Shab-E-Barat Kab Hai: इबादत की रात कही जाती है शब-ए-बारात. 

Shab-E-Barat 2025: मुस्लिम समुदाय के लिए शब-ए-बारात का दिन बेहद खास होता है. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार आठवें महीने में शब-ए-बारात का पर्व मनाया जाता है. इसे इबादत की रात भी कहते हैं और इसीलिए इस खास मौके पर अल्लाह की इबादत करना बेहद खास मानते हैं. कहा जाता है कि शब-ए-बारात पर सभी दुआएं कबूल हो जाती हैं और सभी गुनाह माफ हो जाते हैं. इस साल शब-ए-बारात की सही तारीख को लेकर खासा कंफ्यून की स्थिति बनने लगी है. ऐसे में यहां जानिए इस साल कब मनाई जाएगी शब-ए-बारात. 

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कब है शब-ए-बारात 2025 |  Shab-E-Barat 2025 Date 

शब-ए-बारात इस्लामिक कैलेंडर के 8वें महीने में मनाई जाती है. आठवें महीने की सटीक तारीख की बात करें तो इस पर्व को 14वीं-15वीं रात मनाया जाता है. ऐसे में इस साल शब-ए-बारात 13 फरवरी, गुरुवार को पड़ रही है. शब-ए-बारात के मौके पर अल्लाह की इबादत की जाती है. लोग मस्जिद जाकर नमाज पढ़ते हैं, सड़कों पर जुलूस निकाले जाते हैं, घर में पकवान बनते हैं और नए कपड़े पहनकर बच्चे व बड़े तैयार होते हैं. इस मौके पर पूर्वजों की कब्र पर जाकर प्रार्थना भी की जाती है. इसके अलावा, गुनाहों की माफी मांगी जाती है, जरूरतमंदों की मदद करने की कोशिश की जाती है और अल्लाह से यह वादा किया जाता है कि उसके बंदे किसी गलत राह पर नहीं चलेंगे. 

शब-ए-बारात की मुबारकबाद | Shab-E-Barat Wishes

आज है मौका इबादत का,
आज है मौका दुआओं का,
कर लो आज जी भर के अल्लाह को याद,
आएगा फिर यह दिन एक साल बाद.
शब-ए-बारात मुबारक! 

कबूलियत की आप पर बरसात हो
खुशियों से आप की मुलाकात हो
कोई अधूरी न रहे दुआ आपकी
ऐसी मुबारक ये शब-ए-बारात हो.

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अगर मुझसे कोइ गलती हो गई हो,
तो मुझे माफ कर देना...
आज 'शब-ए-बारात' है,
खुदा की इबादत कर लेना...
शब-ए-बारात मुबारक! 

रहमतों की है ये रात 
नमाज को रखना साथ 
मनवा लेना रब से हर बात 
दुआओं में रखना हमें भी याद
मुबारक हो आपको ये शब-ए-बारात.

शब-ए-बारात मुबारक! 

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अगर आप खुद को माफ कर सकते हैं
तो आप दूसरों को भी माफ कर सकते हैं.
शब-ए-बारात मुबारक! 

ऐ अल्‍लाह मैं तुझसे मांगता हूं ऐसी माफी
जिसके बाद कोई गुनाह न हो
ऐसी सेहत जिसके बाद बीमारी न हो
ऐसी रजा जिसके बाद कोई नाराजगी न हो.
शब-ए-बारात मुबारक! 

गुल को गुलशन मुबारक 
शायर को शायरी मुबारक 
चांद को चांदनी मुबारक 
आशिक को उसकी महबूबा मुबारक 
हमारी तरफ से आपको शब-ए-बारात मुबारक.

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रात को नया चांद मुबारक,
चांद को चांदनी मुबारक,
फलक को सितारे मुबारक,
सितारों को बुलंदी मुबारक,
आपको हमारी तरफ से,
शब-ए-बारात मुबारक! 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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