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आज है सावन का दूसरा सोमवार, यह योग है पूजा का अति उत्तम, इस समय करें शिव भगवान का रुद्राभिषेक

रुद्राभिषेक के लिए शिववास देखा जाता है. दूसरे सावन सोमवार के दिन शिववास सुबह से शाम 05 बजकर 55 मिनट तक है, उसके बाद शिववास क्रीड़ा में है.

आज है सावन का दूसरा सोमवार, यह योग है पूजा का अति उत्तम, इस समय करें शिव भगवान का रुद्राभिषेक
 “ऊं नम: शिवाय:” में न पृथ्वी, म: जल, शि अग्नि, वा प्राण वायु और य आकाश को इंगित करते हैं.

Second Shravan somvar puja 2024 : सावन सोमवार हिंदू रीति-रिवाजों और परंपराओं में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह भगवान शिव को समर्पित सबसे पवित्र महीना भी है. इस साल सावन सोमवार 22 जुलाई से शुरू हो गया है. भोले बाब के भक्तों ने पहले सावन का व्रत पूरे विधि-विधान के साथ संपन्न किया. और अब दूसरे सोमवार की तैयारी में लगे हुए हैं. ऐसे में हम आपको यहां पर सावन के दूसरे सोमवार का शुभ योग और मुहूर्त क्या होगा इसके बारे में बताने जा रहे हैं, साथ ही आपको रुद्राभिषेक का सही समय क्या है इसके बारे में भी बताया जा रहा है, ताकि आप सही समय पर पूजा कर सकें. 

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दूसरा सावन सोमवार 2024 मुहूर्त और योग

इस दिन श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि सुबह से लेकर शाम 05 बजकर 55 मिनट तक है. उसके बाद से षष्ठी तिथि शुरू हो जाएगी. सावन के दूसरे सोमवार पर भरणी नक्षत्र सुबह 10 बजकर 55 मिनट तक है, उसके बाद से कृत्तिका नक्षत्र शुरू हो जाएगा. वहीं गण्ड योग सुबह से शाम 05 बजकर 55 मिनट तक है, फिर वृद्धि योग प्रारंभ होगा. दूसरे सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त 04 बजकर 17 मिनट से 04 बजकर 59 मिनट तक है, वहीं अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 55 मिनट तक है. अमृत काल का समय 06 बजकर 17 मिनट से 07 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. सावन के दूसरे सोमवार पर राहुकाल सुबह 07 बजकर 23 मिनट से सुबह 09 बजकर 04 मिनट तक है.

रुद्राभिषेक का सही समय क्या है

रुद्राभिषेक के लिए शिववास देखा जाता है. दूसरे सावन सोमवार के दिन शिववास सुबह से शाम 05 बजकर 55 मिनट तक है, उसके बाद शिववास क्रीड़ा में है.

इन मंत्रों का करें जाप

भगवान शिव के पंचाक्षरी शिव मंत्र में प्रकृति के पांचों तत्वों को नियंत्रित करने की शक्ति है.  “ऊं नम: शिवाय:” में न पृथ्वी, म: जल, शि अग्नि, वा प्राण वायु और य आकाश को इंगित करते हैं. शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव ने स्वयं इस मंत्र में बारे में माता पार्वती को बताते हुए कहा था कि कलयुग में यह मंत्र सभी पापों और कष्टों को हरने वाला होगा.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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