
Sawan Shivrari Date and Time: हिंदू मान्यता के अनुसार देवों के देव महादेव जगत का कल्याण करने के लिए पूरे श्रावण मास में पृथ्वी पर निवास करते हैं. ऐसे में जो साधक इस पावन मास में सच्चे मन से शिव साधना करता है, उस पर शिव की असीम कृपा बरसती है. यदि कोई व्यक्ति शिवत्व को पाना चाहता है तो उसके लिए इससे पावन कोई महीना नहीं होता है. यही कारण है कि पूरे श्रावण मास में शिव तीर्थों पर हर हर महादेव और बम बम भोले के जयकारे लगते रहते हैं. श्रावण में भोले के भक्त कांवड़ (Kanwar jal kab ka hai) में जल भर कर उन्हें विशेष रूप से अर्पित करने के लिए लंबी दूरी की पैदल यात्रा करते हैं. यह पावन जल हर साल सावन की शिवरात्रि पर चढ़ाया जाता है. इस साल आखिर किस चढ़ेगा बाबा भोलेनाथ को जल और क्या है शिवरात्रि की पूजा का महत्व, आइए इसे विस्तार से जानते हैं.
कब है शिवरात्रि
उत्तराखंड ज्योतिष (Astrology) परिषद के अध्यक्ष पं.रमेश सेमवाल के अनुसार इस साल शिवरात्रि या फिर कहें श्रावण (shravan 2025) मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी 23 जुलाई 2025 को प्रातः 4:39 से प्रारंभ होकर 24 जुलाई 2025 को सुबह 2:28 पर समाप्त होगी. ऐसे में शिवरात्रि का पावन पर्व 23 जुलाई,2025 बुधवार को मनाया जाएगा. सनातन परंपरा में शिवरात्रि के पर्व पर चार प्रहर की पूजा का विशेष महत्व माना गया है आइए जानते हैं इसका सही समय -

चार प्रहर की पूजा का समय (Char Prahar puja time)
पहले प्रहर की पूजा - शाम 7:17 से 9:53 रात्रि तक
दूसरे प्रहर की पूजा - रात्रि 9:53 से 12:28 रात्रि तक
तीसरे प्रहर की पूजा - रात्रि 12:28 से 3:03 तक
चौथे प्रहर की पूजा - रात्रि 3:03 से प्रातः 5:38 तक
कैसे करें शिवरात्रि की पूजा
शिवरात्रि के पावन पर्व पर सूर्योदय से पहले उठकर स्नान-ध्यान करें. इसके बाद भगवान शंकर की पूजा एवं व्रत (Vrat) का संकल्प लें. फिर भगवान को कच्चा दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, गंगाजल (Gangajal) आदि से अभिषेक करें. इसके बाद जटाजूटधारी भगवान शिव को बेलपत्र, भांग, धतूरा, फूल, आदि चढ़ाकर चंदन का लेप करें. पूजा के अंत में आरती और भगवान शिव की आधी परिक्रमा करें. शिवरात्रि पर भगवान शिव की कृपा पाने के लिए रुद्राक्ष की माला से शिव के पंचाक्षरी मंत्र अथवा महामृत्युंजय मंत्र का जाप अवश्य करें.
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कब चढ़ाया जाएगा शिवलिंग पर जल
पंडित रमेश सेमवाल के अनुसार इस साल भगवान शिव को जल चढ़ाने के लिए सबसे अच्छा मुहूर्त 23 जुलाई 2025 की सुबह जब प्रात:काल 04:39 भोर में चतुर्दशी तिथि प्रारंभ होगी तब रहेगा. इसके अलावा 23 तारीख को पूरे दिन शिव भक्त अपने आराध्य देवता को जल चढ़ा सकेंगे. पंडित रमेश सेमवार के अनुसार शिवरात्रि के दिन भगवान शंकर का विधि-विधान से व्रत करते हुए पूरी रात्रि जागरण किया जाता है. मान्यता है कि शिवरात्रि की रात को चार प्रहर की विशेष पूजा करने पर बड़ी से बड़ी मनोकामना शीघ्र ही पूरी हो जाती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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