Sawan 2017: सावन का पहला सोमवार आज
आज से भगवान शिव का प्रिय माह सावन शुरू हो गया है. ये साव अद्भुत संयोग लेकर आया है क्योंकि इस बार इसमें पांच सोमवार है. इसकी शुरुआत सोमवार से हुई है और समापन भी सोमवार को ही होगा. ये शुभ संयोग सालों में एक बार आता है. कांवड़ यात्रा भी शुरू हो गई है. देश भर के शिव मंदिरों में भोलेनाथ के जयकारे गूंज रहे हैं. पूरे सावन माह के दौरान शिवलिंग पर कुछ विशेष चीजें अर्पित करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. खासतौर पर सोमवार को भगवान शिव के लिए व्रत और उनकी पूजा करने से उनकी विशेष कृपा होती है.
यूं करे भोलेनाथ को प्रसन्न
सावन के महीने में शिवलिंग पर जल चढ़ाने से भगवान शिव के विशेष कृपा मिलती है. सर्वप्रथम महादेव के अभिषेक में जल, दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, गंगा जल, गन्ने का रस आदि का प्रयोग करें. उन्हें बेलपत्र, नीलकमल, जंवाफूल कनेर, समीपत्र, दूब, कुशा, कमल, राई फूल चढ़ाकर प्रसन्न करें. धतूरा, भांग और श्रीफल चढ़ाएं.
क्यों खास है इस बार का सावन माह
इस बार सावन बेहद खास है. वजह है. दरअसल इस बार सावन माह में पांच सोमवार हैं. ये पवित्र माह सोमवार से ही शुरू हुआ है और सोमवार को ही इसका समापन (7 अगस्त) भी होगा. ये खास योग कई वर्षों के बाद ही बनता है. इस बार सावन माह में तीन सोमवार सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं. पहला सोमवार सर्वार्थ सिद्धि योग में शुरू होगा और आखिरी सोमवार के सर्वार्थ सिद्धि योग में खत्म भी होगा. पंडित अनूप गैरोला ने बताया कि सर्वार्थ सिद्धि योग का वक्त बेहद शुभ होता है. सर्वार्थ सिद्धि योग यानी अपने आप में सिद्ध. इस दिन की गई पूजा या हवन-यज्ञ का महत्व काफी अधिक होता है.
रोटक व्रत से पूरी होगी मनोकामना
पंडित अनूप गैरोला ने बताया कि इस माह में रोटक व्रत भी काफी अहमियत मानी जाती है. श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार (पांच सोमवार होने से रोटक व्रत कहलाते हैं) को भगवान शिव-पार्वती की प्रीति के लिए व्रक रखकर शिवजी की बेलपत्र, दूध, दही, चावल, पुष्प, गंगाजल सहित पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है. आखिरी सोमवार को रक्षा बंधन रहेगा. इस दिन चंद्रग्रहण का साया भी रहेगा.
प्रतिष्ठित मंदिरों में विशेष तैयारी
हर बार की तरह इस बार भी पूरे देश के शिवालयों में श्रद्धालुओं का तांता लगेगा. उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित विश्वनाथ मंदिर उज्जैन के महाकाल मंदिर, झारखण्ड के देवघर स्थित बैद्यनाथ धाम, रांची के पहाड़ी मंदिर, बिहार के हरिहरनाथ मंदिर (सोनपुर), बाबा गरीबनाथ मंदिर (मुजफ्फरपुर), सोमेश्वर मंदिर (मोतिहारी), गुप्तधाम मंदिर (रोहतास), गुजरात के सोमनाथ मंदिर, उत्तरखंड के केदारनाथ मंदिर समेत पूरे देश में सावन की विशेष तैयारियां की गई हैं. मंदिरों में उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए प्रायः सभी शहरों के स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं.
यूं करे भोलेनाथ को प्रसन्न
सावन के महीने में शिवलिंग पर जल चढ़ाने से भगवान शिव के विशेष कृपा मिलती है. सर्वप्रथम महादेव के अभिषेक में जल, दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, गंगा जल, गन्ने का रस आदि का प्रयोग करें. उन्हें बेलपत्र, नीलकमल, जंवाफूल कनेर, समीपत्र, दूब, कुशा, कमल, राई फूल चढ़ाकर प्रसन्न करें. धतूरा, भांग और श्रीफल चढ़ाएं.
क्यों खास है इस बार का सावन माह
इस बार सावन बेहद खास है. वजह है. दरअसल इस बार सावन माह में पांच सोमवार हैं. ये पवित्र माह सोमवार से ही शुरू हुआ है और सोमवार को ही इसका समापन (7 अगस्त) भी होगा. ये खास योग कई वर्षों के बाद ही बनता है. इस बार सावन माह में तीन सोमवार सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं. पहला सोमवार सर्वार्थ सिद्धि योग में शुरू होगा और आखिरी सोमवार के सर्वार्थ सिद्धि योग में खत्म भी होगा. पंडित अनूप गैरोला ने बताया कि सर्वार्थ सिद्धि योग का वक्त बेहद शुभ होता है. सर्वार्थ सिद्धि योग यानी अपने आप में सिद्ध. इस दिन की गई पूजा या हवन-यज्ञ का महत्व काफी अधिक होता है.
Sawan 2017: इस बार का सावन अद्भुत संयोग वाला
रोटक व्रत से पूरी होगी मनोकामना
पंडित अनूप गैरोला ने बताया कि इस माह में रोटक व्रत भी काफी अहमियत मानी जाती है. श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार (पांच सोमवार होने से रोटक व्रत कहलाते हैं) को भगवान शिव-पार्वती की प्रीति के लिए व्रक रखकर शिवजी की बेलपत्र, दूध, दही, चावल, पुष्प, गंगाजल सहित पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है. आखिरी सोमवार को रक्षा बंधन रहेगा. इस दिन चंद्रग्रहण का साया भी रहेगा.
प्रतिष्ठित मंदिरों में विशेष तैयारी
हर बार की तरह इस बार भी पूरे देश के शिवालयों में श्रद्धालुओं का तांता लगेगा. उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित विश्वनाथ मंदिर उज्जैन के महाकाल मंदिर, झारखण्ड के देवघर स्थित बैद्यनाथ धाम, रांची के पहाड़ी मंदिर, बिहार के हरिहरनाथ मंदिर (सोनपुर), बाबा गरीबनाथ मंदिर (मुजफ्फरपुर), सोमेश्वर मंदिर (मोतिहारी), गुप्तधाम मंदिर (रोहतास), गुजरात के सोमनाथ मंदिर, उत्तरखंड के केदारनाथ मंदिर समेत पूरे देश में सावन की विशेष तैयारियां की गई हैं. मंदिरों में उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए प्रायः सभी शहरों के स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं.
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