Sakat Chauth Vrat in 2025: हिंदू धर्म में हर माह की चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की पूजा अर्चना के लिए समर्पित है. भगवान गणेश को प्रथम पूज्य और विघ्नहर्ता माना गया है. हर तरह के धार्मिक कार्यों में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. मान्यता है कि भगवान गणेश भक्तों की हर तरह की परेशानी दूर कर देते हैं. माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के चतुर्थी व्रत को सकट चौथ का व्रत (Sakat Chauth Vrat ) कहा जाता है. महिलाएं इस दिन व्रत रखकर संतान की दीर्घायु का वरदान मांगती है.
भगवान गणेश की पूजा अर्चना कर बच्चों के जीवन में सुख समृद्धि की कामना करती है. महिलाएं सकट चौथ के दिन निर्जला व्रत रखती है और पूजा करने के बाद रात को चंद्रमा के उगने पर उन्हें अर्घ्य देकर व्रत पूर्ण करती हैं और अपने बच्चों लिए प्रार्थना करती हैं. बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में इस व्रत को तिलवा और तिलकुटा भी कहा जाता है. इस व्रत को तलकुट चौथ, माघी चौथ और वक्रतुण्डी चौथ भी कहा जाता है. आइए जानते है सकट चौथ का व्रत कब (Date of Sakat Chauth Vrat ) रखा जाएगा. सकट चौथ व्रत रखने की विधि, महत्व (Importnce of Sakat Chauth Vrat ) और पूजा का मुहूर्त.
कब है सकट चौथ( Date of Sakat Chauth Vrat)
सकट चौथ का व्रत भगवान गणेश के साथ माता सकट को समर्पित होता है. इस वर्ष माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 17 जनवरी शुक्रवार को सुबह 4 बजकर 6 मिनट से शुरू होकर 18 जनवरी शनिवार को सुबह 5 बजकर 30 मिनट तक रहेगी. सकट चौथ का व्रत 17 जनवरी शुक्रवार को रखा जाएगा. महिलाएं निर्जला व्रत रखकर विधि विधान से भगवान गणेश और माता सकट की पूजा कर अपने बच्चों की लिए दीर्घायु और उनके जीवन में सुख समृद्धि का वरदान मांगेगी.
सकट चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त ( Shubh Muhurat of Sakat Chauth Puja)
माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 17 जनवरी शुक्रवार को सुबह 4 बजकर 6 मिनट से शुरू होकर 18 जनवरी शनिवार को सुबह 5 बजकर 30 मिनट तक रहेगी.
सकट चौथ को चंद्रमा का उदय ( Moon rise time Sakat Chauth)
सकट चौथ के व्रत के दिन भगवान गणेश और माता सकट की पूजा के साथ साथ चंद्रमा को अर्घ्य भी दिया जाता है. चौथ तिथि को चंद्रमा को अर्घ्य देना अत्यंत शुभ माना जाता है. माना जाता है कि चौथ ितथि को चंद्रमा को अर्ध्य देने से जीवन में सौभाग्य का आगमन होता है. पंचांग के अनुसार 17 जनवरी को सकट चौथ के व्रत के दन चंद्रमा 9 बजकर 9 मिनट तक उदय होंगे.
सकट चौथ का महत्व ( Importance of Sakat Chauth Vrat)
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार सकट चौथ व्रत का बहुत महत्व है. मान्यता है कि इस व्रत का रखने से बच्चों का लंबी आयु प्राप्त होती है और उनके जीवन में सुख समृद्धि बढ़ती है. भगवान गणेश का विघ्नहर्ता माना गया है और उनकी अराधना से जीवन की परेशानियों से छुटकारा प्राप्त होता है. इस व्रत को करने से परिवार के सभी सदस्यों के जीवन में खुशियां आती हैं. संकट चौथ को चंद्रमा को अर्घ्य देने से चंद्रदेव की कृपा प्राप्त होती है और उससे मानसिक शांति प्राप्त होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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