सबरीमाला (Sabarimala) के प्रसिद्ध भगवान अयप्पा मंदिर में सालाना 41 दिन की तीर्थयात्रा का पहला चरण मंडल पूजा के साथ शुक्रवार को समाप्त होने को आ गया. पिछले साल महिलाओं के मंदिर में प्रवेश को लेकर प्रदर्शनों के बाद इस साल तीर्थयात्रा के दौरान शांतिपूर्ण माहौल रहा और तीर्थयात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी भी देखने को मिली. तीर्थयात्रा से अब तक 156 करोड़ रुपये का राजस्व भी जमा हो चुका है, वहीं पिछले साल इस दौरान 105.29 करोड़ रुपये जमा हुए थे.
पिछले साल मंदिर और टीडीबी को राजस्व का बड़ा नुकसान हुआ था क्योंकि मंदिर और उसके आसपास श्रद्धालुओं और दक्षिणपंथी राजनीतिक दलों ने उच्चतम न्यायालय के 28 सितंबर, 2018 के फैसले को लेकर व्यापक प्रदर्शन किया था. इस फैसले में सभी उम्र की महिलाओं को इस मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी गई थी और इसे माकपा नीत एलडीएफ सरकार ने लागू करने का निर्णय लिया था.
हालांकि शीर्ष अदालत ने इस साल 14 नवंबर को कहा कि सात न्यायाधीशों की उसकी पीठ सबरीमला मंदिर और मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश, दाउदी बोहरा समुदाय में महिलाओं का खतना समेत विभिन्न धार्मिक मुद्दों का पुन: अध्ययन करेगी. इसके बाद राज्य सरकार ने कहा कि जो महिलाएं मंदिर दर्शन के लिए आना चाहती हैं उन्हें 'अदालत का आदेश' लाना होगा.
प्राधिकारियों के अनुसार 'अप्पम', 'अरावना', 'प्रसादम' और 'हुंडी' संग्रह सहित अन्य माध्यमों से पिछले 39 दिनों में 156 करोड़ रुपये का राजस्व जमा हो चुका है.
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