सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित हैं, इसी तरह शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है. इस दिन शनिदेव के भक्त उनकी कृपा पाने और उन्हें प्रसन्न करने के लिए उनका पूजन व व्रत करते हैं. बता दें कि शनिदेव भगवान श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त हैं. माना जाता है कि शनिवार के दिन भगवान श्री कृष्ण का पूजन करने से भी शनिदेव प्रसन्न हो जाते हैं. मान्यता है कि शनिवार के दिन शनिदेव के पूजन से भक्तों के बिगड़े काम बन जाते हैं, इसलिए शनिवार के दिन शनिदेव की उपासना की जाती है. कहते हैं शनिदेव की कृपा पाने के लिए शनिवार के दिन पूजा के बाद इस आरती का पाठ जरूर करना चाहिए.
शनिदेव की आरती |Shani Dev Aarti
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥
जय जय श्री शनि देव....
श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥
जय जय श्री शनि देव....
क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥
जय जय श्री शनि देव....
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥
जय जय श्री शनि देव....
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥
जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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