रमज़ान ऐप की हुई शुरुआत, मोबाइल बताएगा सहरी, इफ्तार और तरावीह का सही समय
नई दिल्ली:
रमज़ान (Ramzan) 17 मई से शुरू हो रहे हैं. इस मौके पर रोज़ेदारों को सहरी, इफ्तार और तरावीह का सही वक्त बताने के लिए एक ऐप शुरू किया गया है. यह मोबाइल ऐप इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने तैयार किया है जिसका नाम है ‘आई.सी.आई. रमजान हेल्प लाइन ऐप’.
Ramadan 2018: 17 मई से शुरू हो रहे हैं रमज़ान, इस दिन होगा सबसे लंबा रोज़ा
इस्लामिक सेंटर के चेयरमैन और फरंग महल के नाजिम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि इस ऐप में रमजान (Ramadan) की अहमियत के साथ-साथ इफ्तार और सहरी का समय, शहर की विशेष मस्जिदों में तरावीह की नमाज का वक्त, इफ्तार, सहरी, तरावीह और शबे कद्र से जुड़ी दुआएं शामिल हैं.
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उन्होंने बताया कि इसके अलावा रोज़ा, जकात, तरावीह, इफ्तार, सहरी, नमाज और अन्य मामलों से सबंधित सवालों के जवाब के लिए ऐप में अलग सेक्शन बनाया गया है. उम्मीद है कि इससे बड़े पैमाने पर लोगों को फायदा पहुंचेगा.
इस्लाम धर्म में हरे रंग को क्यों माना जाता है पाक, जानिए इसका महत्व
दुनियाभर में रोजा रखने वाले करोड़ों मुसलमानों के लिए रमज़ान का पाक महीना 17 मई से शुरू होगा. सऊदी अरब और इंडोनेशिया जैसे अन्य मुस्लिम बहुल देशों ने घोषणा की है कि रमज़ान 16 मई से शुरू नहीं होगा. चांद के दिखने की गणना के आधार पर यह महीना शुरू होता है.
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रमज़ान में रोज़ा रखने के दौरान पानी का भी सेवन नहीं किया जाता है. इस्लामी कैलेंडर में इस महीने को हिजरी कहा जाता है. मान्यता है कि हिजरी के इस पूरे महीने में कुरान पढ़ने से ज्यादा सबाब मिलता है. रोज़ा के दौरान कैफीन और सिगरेट जैसी लत से भी छुटकारा मिलने की संभावना रहती है.
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रोज़ा के दौरान मुसलमान खाने-पीने से दूर रहते हैं और सेक्स, अपशब्द, गुस्सा करने से भी परहेज करते हैं. कुरान पढ़कर और सेवा के जरिए अल्लाह का ध्यान किया जाता है.
देखें वीडियो - रमजान का खास जायका
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रमज़ान में रोज़ा रखने के दौरान पानी का भी सेवन नहीं किया जाता है. इस्लामी कैलेंडर में इस महीने को हिजरी कहा जाता है. मान्यता है कि हिजरी के इस पूरे महीने में कुरान पढ़ने से ज्यादा सबाब मिलता है. रोज़ा के दौरान कैफीन और सिगरेट जैसी लत से भी छुटकारा मिलने की संभावना रहती है.
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