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This Article is From Dec 28, 2023

Ram Mandir Ayodhya : नागर शैली की छाप नजर आएगी राम मंदिर के द्वार पर, इन्हें बनाने के लिए रखा गया है खास ख्याल

Ram Mandir Doors: राम मंदिर का प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होना है. इससे पहले मंदिर के लिए दरवाजा बनाने वाली कंपनी के मालिक ने इसके डिटेल्स सांझा किए.

Ram Mandir Ayodhya : नागर शैली की छाप नजर आएगी राम मंदिर के द्वार पर, इन्हें बनाने के लिए रखा गया है खास ख्याल
Ram Mandir Update: इन दरवाजों पर की गई नक्काशी हिन्दू संस्कृति और सभ्यता को दर्शाती है.

अंकित श्वेताभ: अयोध्या में पिछले 3 साल से भी ज्यादा समय से बन रहे श्री राम मंदिर (Ayodhya Shree Ram Mandir Construction) का प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होने वाला है. इस दिन मंदिर और श्री राम को एक झलक देखने के लिए देश-विदेश से लाखों भक्तों के आने की संभावना है. कार्यक्रम से पहले ही वहां के सारे होटल और गेस्ट हाउस बुक हो चुके हैं. मंदिर की भव्यता के बारे में समय-समय पर ट्रस्ट (Ram Mandir Trust updates) की तरफ से अपडेट आते रहे हैं. हाल ही में मंदिर के मुख्य गर्भगृह से जुड़ी जानकारी (Details of Ram Mandir Garbhgrih)  सामने आई थी. अब मंदिर में लगने वाले दरवाजों (Ram Mandir Doors) के बारे में जानकारी सामने आई है. आइए आपको बताते हैं कि द्वार बनाने वाली कंपनी के मालिक का क्या कहना है.

इस कंपनी ने तैयार किए है राम मंदिर के सारे कपाट | This Company prepared Ram Mandir Doors

अयोध्या के श्री रामजन्मभूमि पर बनने वाले श्री राम मंदिर में देश के कोने-कोने से लोगों ने अपना योगदान दिया है. भगवान राम का सिंहासन राजस्थान (Shree Ram Throne) के कलाकारों ने तैयार किया है. वहीं मंदिर के सारे दरवाजे हैदराबाद में तैयार (Ram Mandir doors from Hydrabad) किए गए है. देश की बड़ी टिम्बर कंपनियों में से एक अनुराधा टिम्बर्स इंटरनेशनल (Anuradha Timbers International) ने इसका काम किया है. जानकारी के अनुसार इनके निर्माण का पहला चरण पूरा हो चुका है और अंतिम चरण का काम शुरू होने वाला है. कपाट को अंतिम रूप देने के लिए इसमें सोने की गिल्डिंग की जाएगी और मंदिर में लगाया जाएगा. 

हमारे लिए सौभाग्य की बात-सरथ बाबू

राम मंदिर के दरवाजे बनाने वाली कंपनी के मालिक सरथ बाबू ने इसे अपना सौभाग्य बताया कि उन्हें राम मंदिर में अपना योगदान देने का मौका मिला. उन्होंने दरवाजों के डिजाइन के बारे में बताते हुए कहा कि, "ये नागर शैली से प्रेरित है. ये शैली उत्तरी भारत के लगभग सभी मंदिरों में देखने को मिलती है." उन्होंने कहा कि, "इन दरवाजों पर की गई नक्काशी हिन्दू संस्कृति और सभ्यता को दर्शाती है. हाथों से बनाए गए ये दरवाजे हमारे क्वालिटी काम को दिखाते हैं." उन्होंने कहा कि इस दरवाजे के लिए यूज की गई लकड़ी एक हजार साल से भी ज्यादा समय तक चलेगी.

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ऐसे हैं राम मंदिर के कपाट | Ram Mandir Doors

अगर बात करें श्री राम मंदिर में लगाए जाने वाले सभी दरवाजों की तो जो कपाट गर्भगृह में लगने वाले हैं उनकी ऊंचाई 8 फीट है, 12 फीट चौड़े हैं और 5 इंच मोटे हैं. इसके अलावा मंदिर में लगने वाले अन्य दरवाजे भी इसी ऊंचाई के होंगे और इतने ही मोटे होंगे लेकिन उनकी चौड़ाई अलग-अलग होगी. इन्हें बनाने के लिए महाराष्ट्र की खास बल्हारशाह सागौन लकड़ी इस्तेमाल की गई है. इसे आकार देने के लिए तमिलनाडू से शिल्पकारों को बुलाया गया था और सभी दरवाजे दिन-रात काम करके 6-7 महीने की समय सीमा में तैयार किए गए हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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