राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी ने मंगलवार को कहा कि राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होने के चलते राम लला की मूर्तियों को, जिन्हें यहां एक अस्थाई मंदिर के गर्भगृह में रखा गया है, उन्हें दूसरी जगह स्थापित किया जाएगा. पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि मूर्तियों को अस्थाई मंदिर से 200 मीटर दूर एक जगह पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा.
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मुख्य पुजारी ने कहा, "राम मंदिर का निर्माण गर्भगृह से शुरू होगा. राम लला की मूर्तियों को स्थानांतरित करने के लिए कुछ इंजीनियरों ने भूमि की माप की है, हालांकि मैं उनसे नहीं मिला. मूर्तियों को स्थानांतरित किया जाएगा और अस्थायी रूप से मानस भवन की ओर स्थापित किया जाएगा."
अयोध्या मामले में टाइटल सूट के पक्षकार त्रिलोकी नाथ पाण्डेय ने कहा कि गृर्भ गृह का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद मूर्तियों को उनके मूल स्थान पर वापस लाया जाएगा.
वहीं, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार द्वारा गठित राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की पहली बैठक बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में होगी जिसमें मंदिर निर्माण के मुहूर्त सहित कई विषयों पर विचार किया जा सकता है.
एक सूत्र ने बताया कि न्यास की पहली बैठक बुधवार शाम को बुलाई गई है. इसमें उस सुझाव के बारे में चर्चा की जा सकती है कि क्या आम जनता से सहयोग राशि ली जानी चाहिए या नहीं.
ट्रस्ट की बैठक में शिलान्यास के मुहूर्त से लेकर निर्माण पूर्ण होने के लिए समयसीमा निर्धारित करने के मुद्दों पर भी चर्चा की जा सकती है. इसमें पारदर्शी तरीकों पर खास तौर पर ध्यान दिया जायेगा ताकि भविष्य में किसी तरह के विवाद से बचा जा सके. इसमें मंदिर के निर्माण के दौरान रामलला के रखने के स्थान को लेकर भी चर्चा की जा सकती है.
सूत्रों के अनुसार बैठक में न्यास के अन्य पदाधिकारियों के बारे में भी चर्चा की जा सकती है. गौरतलब है कि शीर्ष अदालत द्वारा राम मंदिर के पक्ष में फैसला देने व मंदिर निर्माण के लिए न्यास के गठन के आदेश पर 5 फरवरी को केंद्र सरकार ने ट्रस्ट का एलान किया था.
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