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This Article is From Mar 25, 2020

अयोध्‍या में चांदी के सिंहासन पर विराजमान हुए रामलला, वैदिक मंत्रोच्‍चार से हुई पूजा-अर्चना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में शंखनाद व घंटे-घड़ियाल के बीच भोर में फूल व अक्षत के बीच रामलला की पालकी नए मंदिर के लिए प्रस्थान हुई.

अयोध्‍या में चांदी के सिंहासन पर विराजमान हुए रामलला, वैदिक मंत्रोच्‍चार से हुई पूजा-अर्चना
Ram Lalla at Makeshift Structure: रामलला की शिफ्टिंग के बाद मुख्यमंत्री योगी गोरखपुर रवाना हो गए
अयोध्‍या:

श्रीराम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण के प्रथम चरण की शुरुआत हो गई है. चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri) के पहले दिन बुधवार को सुबह गर्भगृह से पहली बार रामलला (Ram Lalla) को बाहर निकालकर नए आसन पर विराजित किया गया. इस दौरान यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) मौजूद रहे. उनके अलावा प्रधान पुजारी सत्येंद्र दास व ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास के उत्तराधिकारी कमल नयन दास और ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय भी मौजूद रहे. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट के माध्यम से लिखा, "भव्य राम मंदिर के निर्माण का पहला चरण आज सम्पन्न हुआ, मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम त्रिपाल से नए आसन पर विराजमान. मानस भवन के पास एक अस्थायी ढांचे में "रामलला" की मूर्ति को स्थानांतरित किया. भव्य मंदिर के निर्माण हेतु 11 लाख का चेक भेंट किया.",
 

इसके पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में शंखनाद व घंटे-घड़ियाल के बीच भोर में फूल व अक्षत के बीच रामलला की पालकी नए मंदिर के लिए प्रस्थान हुई.

रामलला का नया सिंहासन साढ़े नौ किलो चांदी से बनवाकर अयोध्या राज परिवार के मुखिया विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र ने रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को समर्पित कर दिया है. चांदी के सिंहासन पर रामलला विराजमान होंगे. वैकल्पिक गर्भगृह में रामलला की गरिमा व सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध और दर्शनार्थियों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा गया है.

रामलला की शिफ्टिंग के बाद मुख्यमंत्री योगी गोरखपुर रवाना हो गए. पहले भी यह उम्मीद थी कि रामलला की शिफ्टिंग के समय मुख्यमंत्री मौजूद रह सकते हैं लेकिन, कोरोना की वजह से मुख्यमंत्री का यह दौरा बेहद गोपनीय रखा गया.

इसके लिए सोमवार से अनुष्ठान आरंभ हो चुका था. 10 वैदिक आचार्यों के समूह ने वेद मंत्रों के साथ रामलला को वैकल्पिक गर्भगृह में स्थापित किया. यह वैदिक विद्वान दिल्ली, प्रयागराज, काशी और अयोध्या के हैं.

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