
Raksha Bandhan Date: पंचांग के अनुसार, सावन मास की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन मनाया जाता है. इस त्योहार पर बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र यानी राखी (Rakhi) बांधती हैं. मान्यतानुसार राखी पर भाई की कलाई पर राखी बांधकर बहन उससे रक्षा का वचन मांगती है और भाई बहन को उसकी हमेशा सुरक्षा करने का वादा देता है. रक्षाबंधन के दिन शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना आवश्यक होता है. इस दिन भद्रा का साया होगा या नहीं यह जानना भी जरूरी है. माना जाता है कि भद्रा का साया अशुभ होता है और अगर रक्षाबंधन पर भद्रा का साया हो तो उस समय पर राखी बांधने से परहेज किया जाता है. ऐसे में इस साल राखी किस मुहूर्त में बांधी जाएगी और रक्षाबंधन पर भद्रा का साया (Bhadra Ka Saya) होगा या नहीं, जानिए यहां.
रक्षाबंधन पर भद्रा का साया | Bhadra On Raksha Bandhan
इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं होगा. भद्रा का साया ना होना या भद्रा काल ना होना बेहद शुभ होता है. भद्रा काल 8 अगस्त की दोपहर 2 बजकर 12 मिनट से शुरू होकर अगले दिन सुबह 1 बजकर 52 मिनट तक रहने वाला है. 9 अगस्त के दिन रक्षाबंधन मनाया जा रहा है जिस चलते राखी बांधने के दिन भद्रा का साया नहीं होगा.
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त (Rakhi Bandhne Ka Shubh Muhurt)
- श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि इस साल 8 अगस्त की दोपहर 2 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगी और इस दिन का समापन अगले दिन 9 अगस्त की दोपहर 1 बजकर 21 मिनट पर हो जाएगा.
- उदया तिथि के अनुसार 9 अगस्त, शनिवार के दिन रक्षाबंधन मनाया जाएगा.
- 9 अगस्त की सुबह 5 बजकर 35 मिनट से दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त रहेगा.
- अभिजीत मुहूर्त में भी राखी बांधी जा सकती है. इस साल रक्षाबंधन पर अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 53 मिनट के बीच बन रहा है.
- प्रदोष काल (Pradosh Kaal) में राखी बांधी जा सकती है. प्रदोष काल में राखी बांधने का शुभ मुहूर्त शाम 7 बजकर 19 मिनट से रात 9 बजकर 24 मिनट तक रहेगा.
रक्षाबंधन के दिन बहनें भाई के लिए व्रत भी रखती हैं. राखी बांधने से पहले बहनें पानी भी नहीं पीती हैं और राखी बांधने के बाद ही बहनें भाई के हाथ से मिठाई खाकर व्रत तोड़ती हैं. राखी बांधने से पहले बहनें थाली में रोली, कुमकुम, अक्षत, पानी का जल, राखी, दीया और मिठाई रखती हैं. भाई की आरती की जाती है, माथे पर तिलकर लगाकर अक्षत लगाया जाता है, पानी सिर पर छिड़का जाता है और हाथ पर राखी बांधी जाती है. इसके बाद भाई-बहन एकदूसरे को मिठाई खिलाते हैं. भाई उपहार देकर रक्षाबंधन की रसम पूरी करता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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