Bhog Lagane Ke Niyam: सनातन धर्म में पूजा (puja rules in hindi) के कई तरह के नियम बताए गए हैं. सच्चे मन से की गई पूजा अगर सही विधि से की जाए तो वो सफल मानी जाती है और ईश्वर भी प्रसन्न होते हैं. पूजा के दौरान देवी-देवताओं को भोग लगाना एक महत्वपूर्ण चरण माना गया है. भगवान के आगे दिया बाती करने के बाद उनको मिठाई और अन्य व्यंजनों का भोग (Puja bhog rules) लगाया जाता है. ऐसे में शास्त्रों में पूजा के भोग लगाने के कई तरह के नियम हैं जिनके बारे में कम लोग ही जानते हैं. तो चलिए आज जानते हैं कि पूजा के दौरान देवी देवताओं को भोग लगाने के क्या नियम हैं और इस दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
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पूजा के दौरान भोग लगाने के नियम (Puja Bhog rules)
- पूजा के दौरान भोग लगाने से पहले इस बात का ख्याल रखें कि भोग को बिल्कुल साफ और शुद्ध तरीके से तैयार किया गया हो. भोग के लिए बर्तन बाकी बर्तनों से अलग रहने चाहिए और जातक को नहा धोकर और साफ रसोई में ही भोग तैयार करना चाहिए. भोग का सामान शुद्ध और ताजा होना चाहिए.
- भोग तैयार करने के बाद उसे थाली में जरूर रखना चाहिए और इसके बाद उस पर देसी घी डालना चाहिए. अगर विष्णु भगवान का भोग तैयार कर रहे हैं तो भोग के साथ तुलसी के कुछ पत्ते भी साफ करके जरूर रखें. भगवान शिव के भोग में तुलसी दल प्रयोग नहीं करना चाहिए.
- पूजा के भोग की थाली को दूसरी थाली से ढक कर रखें. अब भगवान के सामने हाथ में जल लेकर चौकोर आकृति बनाएं और उस चौकोर आकृति पर ही थाली को रखें. इस बात का ख्याल रखें कि भगवान को भोग अर्पित करने से पहले बाएं हाथ से थाली का ढक्कन हटाएं और दाएं यानी सीधे हाथ से भोग निकाल कर भगवान को परोसें. परोसने के बाद आखिर में लोटे से एक चम्मच जल लेकर थाली में छोड़ देना चाहिए.
- भगवान को भोग लगाने के तुरंत बाद भोग के बर्तन को नहीं हटाना चाहिए. इस बर्तन को कुछ देर के लिए भगवान के आगे रखा रहने देना चाहिए. इसके बाद भगवान के आगे हाथ जोड़कर थाली उठाएं और उस थाली में रखा भोग घर परिवार के बाकी लोगों को वितरित कर दें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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