
Sawan 2025 : सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू होने वाला है. ऐसे में भोलेनाथ के भक्त उनकी कृपा पाने के लिए शिवलिंग का अभिषेक, भजन-कीर्तन करते हैं, साथ ही कांवड़ यात्रा भी निकालते हैं. आपको बता दें कि शास्त्रों में शिवलिंग पूजा का विशेष विधान बताया गया है. जिनका पालन सभी को करना होता है. ऐसा कहा जाता है कि यदि पूजा के दौरान नियमों का पालन नहीं होता है, तो दोष उत्पन्न होता है, जिससे पूजा का शुभ फल नहीं प्राप्त होता है. इनमें प्रसाद का नियम भी शामिल है. जिसको लेकर मान्यता है कि शिवलिंग पर चढ़ाया गया प्रसाद कभी नहीं खाना चाहिए. आखिर शिवलिंग पर चढ़ाए प्रसाद को न खाने के पीछे कारण क्या है, आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य अरविंद मिश्र से.
क्यों नहीं खाना चाहिए शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद - Why should one not eat Prasad offered on Shivling
दरअसल, हम जिस देवी अथवा देवता को प्रसाद चढ़ाते हैं उसका भाग उनको चला जाता है, और प्रसाद उन्हीं का कहलाता है. शिवपुराण के अनुसार, शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद चंडेश्वर को प्राप्त होता है, जो भूत-प्रेतों के प्रमुख माने जाते हैं. इसलिए, शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद ग्रहण करना उचित नहीं माना जाता है.
वहीं, अगर शिवलिंग पत्थर, मिट्टी या चीनी मिट्टी का बना है, तो उसपर चढ़ा प्रसाद ग्रहण नहीं करना चाहिए. इसे बहती नदी में प्रवाहित करना उचित माना जाता है.
शिवलिंग के पास रखा प्रसाद खा सकते हैं - You can eat the Prasad kept near Shivling
हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में, जैसे कि धातु या पारद (पारा) से बने शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद ग्रहण किया जा सकता है. इसके अलावा शिवलिंग के पास रखा हुआ प्रसाद भी ग्रहण किया जा सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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