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Premanand Ji Maharaj ने बताया क्यों आता है जीवन में दुख और सुख-दुख का आपस में क्या है नाता

सुख-दुख जीवन के दो पहलू हैं, जो समय-समय पर आते-जाते रहते हैं. इसको लेकर दुखी नहीं होना चाहिए. 

Premanand Ji Maharaj ने बताया क्यों आता है जीवन में दुख और सुख-दुख का आपस में क्या है नाता
सुख-दुख जीवन के दो पहलू हैं, जो समय-समय पर आता रहता है. इसको लेकर दुखी नहीं होना चाहिए.

Tips by Premanand Ji Maharaj : प्रेमानंद महाराज के सत्संग की वीडियोज आए दिन सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती हैं. उनकी बताई गई बातें दिमाग को शांत करती हैं. उनका व्यवहार बहुत सरल, मधुर और प्रेमपूर्ण है, हर कोई उनसे बात करते समय अपनापन महसूस होता है. उनके प्रवचन भक्ति, शांति और संतुलन का मार्ग दिखाने का काम करते हैं. उनके सत्संग में श्रद्धालु अपनी समस्याओं और जिज्ञासाओं को लेकर सवाल करते हैं, जिसका जवाब प्रेमानंद जी इतनी सहजता के साथ देते हैं कि सारी दुविधाएं दूर हो जाती हैं. 

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क्या है सुख-दुख का आपस में संबंध - What is the relationship between happiness and sadness

  • प्रेमानंद महाराज ने हाल ही में एक सत्संग के दौरान जीवन में दुखों के कारणों पर प्रकाश डाला और समझाया कि आखिर हमारे जीवन में दुख क्यों आते हैं.
  • प्रेमानंद महाराज बताते हैं, सुख-दुख जीवन के दो पहलू हैं, जो समय-समय पर आते-जाते रहते हैं. इसको लेकर दुखी नहीं होना चाहिए. यह मानव के स्वाभाविक अंग हैं, जैसे सुख जीवन में आता है, वैसे ही दुख भी. इसका सामना करना जरूरी होता है.
  • साथ ही प्रेमानंद जी ने दुखों का मुख्य कारण अज्ञानता को बताया, जो हमारे तनाव और अवसाद का कारण बनता है. इससे निजात पाने का एक मात्र तरीका भगवान का ध्यान और उनका जाप करना है. अगर आप ईश्वर का ध्यान नहीं करेंगे तो आपके जीवन में कष्ट बना रहेगा. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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