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This Article is From Mar 09, 2022

Pradosh vrat 2022 : भोलेनाथ की कृपा बनी रहेगी, रखें प्रदोष व्रत, ये हैं व्रत के नियम क्या खाएं और क्या नहीं

Bhaum Pradosh Vrat 2022 : भक्तों प्रदोष व्रत (pradosh vrat) भगवान शिव (lord shiva) के प्रिय व्रतों में से एक है, जो इस बार 15 मार्च के दिन पड़ रहा है. उस दिन मंगलवार है. यही वजह है कि मंगलवार होने के कारण इसे भौम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा. भक्त आप व्रत रख रहे हैं, तो ध्यान रखें क्या खाएं.

Pradosh vrat 2022 : भोलेनाथ की कृपा बनी रहेगी, रखें प्रदोष व्रत, ये हैं व्रत के नियम क्या खाएं और क्या नहीं
falgun month pradosh vrat : प्रदोष व्रत रखते हुए ये चीजें ना खाएं भक्त.

bhaum pradosh vrat upaye 2022 : भगवान शिव शंकर प्रिय व्रतों में से एक प्रदोष व्रत (pradosh vrat) इस बार 15 मार्च यानी मंगलवार के दिन पड़ रहा है. बता दें कि मंगलवार होने के कारण इसे भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat 2022) के नाम से जाना जाएगा. वैसे हर माह के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है. भक्तों फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष का व्रत 15 मार्च को है इस बार. मान्यता है कि अगर भक्त इस दिन सच्चे मन से भगवान शिव और मां पार्वती मां की उपासना करते हैं, तो उनके हर कष्ट दूर हो जाते हैं. इसलिए जरूरी है कि भक्त इस दिन व्रत रखते हुए सारे विधि विधान का पालन करें. 

वैसे धार्मिक मान्यता है कि भौम प्रदोष व्रत रखने से पद-प्रतिष्ठा और मान-सम्मान में वृद्धि होती है, अगर भक्त सच्चे मन से पूजा करते हैं. चूंकि प्रदोष व्रत (pradosh vrat) इस बार मंगलवार के दिन है ऐसे में भगवान शिव के साथ हनुमान भगवान का भी आशीर्वाद भक्तों को प्राप्त होगा.  माना जाता है कि भगवान शिव के साथ बजरंग बली की अराधना करने से व्यक्ति के कुंडली में मंगल मजबूत होता है. यही नहीं, इस दिन मंगल दोष दूर करने के लिए कुछ उपाय भी किए जाते हैं. वहीं, भौम प्रदोष व्रत संतान प्राप्ति स्तुति के लिए भी किया जाता है.  

भक्तों आपको बता दें कि प्रदोष व्रत (pradosh vrat) का फल तभी मिलता है, जब उसके नियमों को सही से अनुसरण किया जाए. चलिए आपको बताते हैं इस दिन व्रतधारी को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं. 

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भक्त भौम प्रदोष व्रत में ये खाएं  | bhaum pradosh vrat what to eat

ज्योतिषियों के मुताबिक अगर निर्जला प्रदोष व्रत रखा जाए तो ये सबसे उत्तम फलदायक होता है. लेकिन सामर्थ्य अनुसार ही भक्त प्रदोष व्रत फलाहार भी रख सकते हैं. व्रत रखने वाले भक्त सुबह उठकर स्नान वगैरह से निर्वित होने के पश्चात व्रत का संकल्प लें. इसके बाद भगवान शिव की उपासना और पूजा करें. वैसे मान्यता के अनुसार भक्त व्रत के दौरान दूध ग्रहण किया जा सकता है. इसके पश्चात पूरे दिन व्रत का पालन करते हुए शाम के वक्त प्रदोष काल में पुनः शिवशंकर और माता पार्वती की विधि-विधान पूर्वक पूजा उपासना करें. वैसे कहते हैं प्रदोष काल में पूजन से पहले एक बार पुनः स्नान कर लेना चाहिए. फिर पूजन के बाद ही भोजन ग्रहण करें.

अगर भक्तों शरीर से कमजरो या रोगी लोग व्रत के दौरान एक बार फलाहार कर सकते हैं. माना जाता है कि बार-बार फलाहार करके मुंह झूठा नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से व्रत भंग हो सकता है. मान्यता है कि प्रदोष काल में उपवास में भक्त सिर्फ हरे मूंग का ही सेवन करें, क्योंकि हरा मूंग पृथ्‍वी तत्व है और यह मंदाग्नि को शांत रखता है.

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भक्त भौम प्रदोष व्रत में ये ना खाएं  | bhaum pradosh vrat what do not eat

भक्तों मान्यता है कि प्रदोष व्रत में लाल मिर्च, अन्न, चावल और सादा नमक नहीं खाने चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से व्रत का फल नहीं मिलता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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