Ashwin Month Pradosh Vrat 2021: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, हर मास के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत होता है. इस समय आश्विन मास का कृष्ण पक्ष चल रहा है. हर मास की त्रयोदशी तिथि (Trayodashi tithi) भगवान शिव (Bhagwan Shiv) को समर्पित है. त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) होता है. हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) का विशेष महत्व होता है. प्रदोष व्रत के फल और नाम सप्ताह के अनुसार होता है. मान्यता है कि प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने का विधान है. इस बार अश्विन मास का पहला प्रदोष व्रत (Ashwin Month First Pradosh Vrat) 4 अक्टूबर सोमवार के दिन रखा जाएगा. सोमवार के दिन होने के कारण इसे सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat) कहा जाता है. आइए जानते हैं कि सोम प्रदोष व्रत कब है. पूजा मुहूर्त और इसका महत्व है.
Pradosh Vrat 2021 Image : हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) का महत्व
अश्विन सोम प्रदोष व्रत तिथि 2021 (Ashwin Som Pradosh Vrat Tithi 2021)
हिन्दी पंचांग के अनुसार, अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 3 अक्टूबर दिन रविवार रात 10 बजकर 29 मिनट पर होगा. त्रयोदशी तिथि का समापन अगले दिन 04 अक्टूबर दिन सोमवार को रात 09 बजकर 05 मिनट पर होना है. इस दिन शिव पूजा के लिए प्रदोष मुहूर्त भी है. ऐसे में व्रत की उदयातिथि 4 अक्टूबर को प्रातः हो रहा है, इसलिए प्रदोष व्रत सोमवार के दिन रखा जाएगा.
Pradosh Vrat 2021 Image : जानिये प्रदोष व्रत की पूजा विधि
सोम प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Som Pradosh Vrat Muhurat 2021)
आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी का प्रदोष व्रत 04 अक्टूबर 2021 को है. प्रदोष व्रत के दौरान पूजा शाम के समय शुभ मुहूर्त में करना लाभकारी होता है. 04 अक्टूबर को पड़ने वाले सोम प्रदोष व्रत के लिए शिव पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 06 बजकर 04 मिनट से रात 08 बजकर 30 मिनट तक है. यदि आप सोम प्रदोष व्रत रहते हैं तो आपको शाम के समय शिवलिंग की पूजा, बेलपत्र, गंगाजल, गाय के दूध, मदार, फूल, भांग, सफेद चंदन आदि से विधिपूर्वक पूजन करना चाहिए.
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