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Dashmi shradh 2025: आज किया जाएगा दशमी तिथि का श्राद्ध, जानें कुतुप मुहूर्त और जरूरी नियम 

Pitru Paksha 2025 Dashmi shradh: हिंदू मान्यता के अनुसार दशमी तिथि के दिन किसका श्राद्ध किया जाता है? इस श्राद्ध को करने के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त क्या हैं? दशमी तिथि का श्राद्ध करते समय किन बातों का ख्याल रखना चाहिए? पितरों की पूजा से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों को जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.

Dashmi shradh 2025: आज किया जाएगा दशमी तिथि का श्राद्ध, जानें कुतुप मुहूर्त और जरूरी नियम 
Pitru Paksha 2025: पितृपक्ष में दशमी तिथि का श्राद्ध कब और कैसे करें?
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Pitru Paksha 2025 10th Day shradh: हिंदू धर्म में भाद्रपद की पूर्णिमा से लेकर आश्विन कृष्णपक्ष की अमावस्या के पितृपक्ष कहा गया है. पितृपक्ष के इन 16 दिनों को पितरों की पूजा को अत्यंत ही फलदायी माना गया है. हिंदू मान्यता के अनुसार पितृपक्ष के इन दिनों पर यदि व्यक्ति अपने दिवंगत पितरों के लिए विधि-विधान से श्राद्ध करता है तो उसके पितर संतुष्ट होकर उस पर अपना आशीर्वाद बरसाते हैं. पंचांग के अनुसार आज जो लोग दशमी तिथि को दिवंगत हुए हैं, उनका श्राद्ध किया जाएगा. आइए जानते हैं कि आज किस समय दशमी तिथि का श्राद्ध करना उचित रहेगा. 

दशमी श्राद्ध के मुहूर्त 

पंचांग के अनुसार आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि 17 सितंबर 2025 को पूर्वाह्न 01:31 से प्रारंभ होकर अगले दिन यानि 17 सितंबर 2025 को पूर्वाह्न 12:21 बजे तक रहेगी. ऐसे में दशमी तिथि का श्राद्ध 16 सितंबर 2025, मंगलवार के दिन किया जाएगा. इस दिन कुतुप मुहूर्त प्रात:काल 11:51 से लेकर दोपहर 12:40 बजे तक रहेगा तो वहीं रौहिण मूहूर्त दोपहर 12:40 से लेकर दोपहर 01:30 बजे रहेगा. अपराह्न काल दोपह 01:30 से दोपहर 03:57 बजे तक रहेगा. 

दशमी तिथि का श्राद्ध करते इन बातों का रखें ध्यान

  • हिंदू मान्यता के अनुसार जिस श्राद्ध को करने से पितृगण प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद बरसाते हैं, उसे हमेशा आदर, सम्मान और कृतज्ञता के साथ करना चाहिए. 
  • आज का श्राद्ध करने के लिए ब्राह्मण को पूजन और भोजन के लिए आदरपूर्वक घर पर बुलाना चाहिए और उचित मुहूर्त या फिर कहें बेला में ही श्राद्ध करना चाहिए. 
  • हिंदू मान्यता के अनुसार यदि दिवंगत पितरों की तिथि पर उनके लिए विधि-विधान से तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध किया जाए तो उन्हें मुक्ति मिलती है और वे संतुष्ट होकर कुल की वृद्धि करते हैं. 
  • आज दशमी तिथि के श्राद्ध से संबंधित कार्य को कुतुप काल में ही करने का प्रयास करें क्योंकि इसे श्राद्ध हेतु सबसे उत्तम समय माना गया है. 
  • दशमी तिथि का श्राद्ध और ब्राह्मण को भोजन कराने के साथ यथासंभव आज पितरों के निमित्त वस्त्र, धन और अन्न भी दान करना चाहिए. 
  • दशमी तिथि पर दिवंगत पितर का श्राद्ध करते समय पंचबलि जरूर निकालें और इसे कुत्ते, कौवे, गाय, यम और देवता को अवश्य अर्पित करें.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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