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This Article is From Sep 08, 2022

Shradh Paksha 2022: 12 साल बाद श्राद्ध पक्ष में बनने जा रहा है ये अशुभ संयोग, जानें तर्पण के लिए कौन सी तिथि रहेगी सही

Shradh Paksha 2022: हिंदू धर्म में श्राद्ध पक्ष का खास महत्व है. पितृ पक्ष के दौरान 15 दिन पितरों के तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध के लिए शुभ होता है. इस बार श्राद्ध पक्ष में अशुभ संयोग बन रहा है.

Shradh Paksha 2022: 12 साल बाद श्राद्ध पक्ष में बनने जा रहा है ये अशुभ संयोग, जानें तर्पण के लिए कौन सी तिथि रहेगी सही
Shradh Paksha 2022: श्राद्ध पक्ष में पितरों को प्रसन्न करने के लिए खास होता है.

Shradh Paksha 2022 Inauspicious Yog: हिंदू पंचांग के अनुसार श्राद्ध पक्ष 10 सितंबर से शुरू होकर 25 सितंबर 2022 तक रहने वाला है. भाद्रपद पूर्णिमा तिथि से लेकर आश्विन मास की अमावस्या तिथि तक की अवधि पितृ पक्ष (Pitru Paksha) के रूप में जानी जाती है. इस दौरान पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान, और श्राद्ध किए जाते हैं ताकि उनकी आत्मा को शांति मिल सके. ज्योतिष शास्त्र (Aatrology) की मान्यता के अनुसार, श्राद्ध की तिथियों (Shradh Dates 2022) का कम होना शुभ होता है, जबकि इसकी तिथियों में बढ़ोतरी होना शुभ नहीं होता है. दरअसल इस बार पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2022) में 10 सितंबर के दिन पूर्णिमा और प्रतिपदा का श्राद्ध एकसाथ किया जाएगा. पंचांग भेद होने की वजह से 16 सितंबर को सप्तमी श्राद्ध होगा. वहीं अष्टमी का श्राद्ध 18 सितंबर को किया जाएगा. बता दें कि तिथि क्षय होने की वजह से 17 सितंबर कोई श्राद्ध नहीं किया जाएगा. 


कुतप काल में श्राद्ध होता है सबसे शुभ


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पितृ पक्ष (Pitru Paksha) के दौरान कुतप काल में श्राद्ध करना अच्छा रहता है. दिन का आठवां मुहूर्त कुतप काल होता है. इस मुहूर्त में पितरों के निमित्त तर्पण, दान, ब्राह्मण भोजन करवाए जाते हैं. इस समय तर्पण करने से पितृ और देवता दोनों ही प्रसन्न होते हैं.

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श्राद्ध की तिथियां | Pitru Paksha Shradh Dates 2022

10 सितंबर शनिवार - पूर्णिमा का श्राद्ध, प्रतिपदा का श्राद्ध

11 सितंबर रविवार - द्वितीया का श्राद्ध

12 सितंबर सोमवार - तृतीया का श्राद्ध

13 सितंबर मंगलवार - चतुर्थी का श्राद्ध

14 सितंबर बुधवार - पंचमी का श्राद्ध

15 सितंबर गुरुवार - षष्ठी का श्राद्ध

16 सितंबर शुक्रवार - सप्तमी का श्राद्ध

17 सितंबर शनिवार- सप्तमी, अष्टमी का श्राद्ध

18 सितंबर रविवार - अष्टमी का श्राद्ध

19 सितंबर सोमवार - नवमी श्राद्ध (इसे मातृ नवमी श्राद्ध भी कहते हैं.) 

20 सितंबर मंगलवार - दशमी का श्राद्ध

21 सितंबर बुधवार - एकादशी का श्राद्ध

22 सितंबर गुरुवार - द्वादशी, सन्यासियों का श्राद्ध

23 सितंबर शुक्रवार - त्रयोदशी का श्राद्ध

24 सितंबर शनिवार - चतुर्दशी का श्राद्ध

25 सितंबर रविवार - अमावस्या का श्राद्ध, सर्वपितृ अमावस्या, सर्वपितृ अमावस्या का श्राद्ध, महालया श्राद्ध 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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