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This Article is From Sep 07, 2022

Pitru Paksha 2022: पितृ पक्ष में भूल से भी ना करें ये 5 काम, नहीं तो पूर्वज हो जाएंगे नाराज

Pitru Paksha 2022 Rules: पितृ पक्ष 10 सिंतबर से शुरू होकर 25 सितंबर 2022 तक चलेगा. इस दौरान कुछ खास काम करने की मनाही होती है. माना जाता है कि इन कार्यों को करने से पितृ देव नाराज हो जाते हैं.

Pitru Paksha 2022: पितृ पक्ष में भूल से भी ना करें ये  5 काम, नहीं तो पूर्वज हो जाएंगे नाराज
Pitru Paksha 2022 Rules: पितृ पक्ष से जुड़े कुछ खास नियम हैं, जिसका हर किसी को पालन करना जरूरी होता है.

Pitru Paksha 2022 Rules: पितरों के निमित्त तर्पण का सबसे शुभ अवसर पितृ पक्ष होता है. इस साल पितृ पक्ष (Pitru Paksha Starts Date) 10 सितंबर से शुरू होने जा रहा है. पितृ पक्ष के 15 दिन की अवधि में पूर्वजों के निमित्त पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं. धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. जिससे वे प्रसन्न होते हैं. कहा जाता है कि पितरों के प्रसन्न होने से वंशजों का भी कल्याण होता है. पितर पक्ष को लेकर मान्यता है कि इस दौरान पितर कौवे के रूप में धरती पर पधारते हैं. इस दौरान कुछ काम करने की मनाही होती है. आइए जानते हैं पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2022 Donts) में किन कार्यों को करने से बचना चाहिए. दरअसल मान्यता है कि पितृ पक्ष में निषेध कार्यों को करने से पितृ देव नाराज हो जाते हैं. जिस कारण जीवन में पितृ दोष (Pitra Dosh) का सामना करना पड़ता है.  

 
 

पितृ पक्ष में नहीं नहीं किए जाते हैं ये 5 काम

पितृ पक्ष की पूरी अवधि को खास माना गया है. इस दौरान 15 दिनों तक घर में सात्विक माहौल बनाकर रखना अच्छ होता है.  पितृ पक्ष की अवधि में घर में मांसाहारी भोजन न तो पकाना चाहिए और ना ही उसका सेवन करना चाहिएय. वैसे लोगों को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए जो कि पितृ पक्ष के दौरान पिंडदान, तर्पण या श्राद्ध कर्म करते हैं. इसके अलावा अगर संभव हो सके तो इस दौरान लहसुन और प्याज का सेवन भी नहीं करना चाहिए.

पितृपक्ष के दौरान श्राद्धकर्म करने वाले व्यक्ति को पूरे 15 दिनों तक बाल और नाखून कटवाने से परहेज करना चाहिए. हालांकि इस दौरान अगर पूर्वजों की श्राद्ध की तिथि पड़ती है तो पिंडदान करने वाला बाल और नाखून कटवा सकता है.

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पौराणिक मन्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान पूर्वज पक्षी के रूप में धरती पर पधारते हैं. ऐसे में उन्हें किसी भी प्रकार से सताना नहीं चाहिए, क्योंकि मान्यता है कि ऐसा करने से पूर्वज नाराज हो जाते हैं. ऐसे में पितृ पक्ष के दौरान  पशु-पक्षियों की सेवा करनी चाहिए.

पितृपक्ष के दौरान सिर्फ मांसाहारी ही नहीं, बल्कि कुछ शाकाहारी चीजों का सेवन करना भी निषेध माना गया है.  ऐसे में पितृ पक्ष के दौरान लौकी, खीरा, चना, जीरा और सरसों का साग खाने से परहेज करना चाहिए.

धार्मिक मान्यता के अनुसार, पितृपक्ष में किसी भी तरह का मांगलिक कार्य नहीं करनी चाहिए. शादी, मुंडन, सगाई और गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य पितृ पक्ष में निषेध माने गए हैं. दरअसल पितृपक्ष के दौरान शोकाकुल का माहौल होता है, इसलिए इन दिनों कोई भी शुभ कार्य करना अशुभ माना जाता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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