Peetal Utensil: पूजा-पाठ में इस तरह पीतल के बर्तनों का इस्तेमाल करने से प्रभु हो जाते हैं खुश, घर में रहती है बरकत

Peetal Utensil: पूजा-पाठ में इस तरह पीतल के बर्तनों का इस्तेमाल करने से प्रभु हो जाते हैं खुश, घर में रहती है बरकत

Peetal Utensil: पूजा-पाठ में इस तरह पीतल के बर्तनों का इस्तेमाल करने से प्रभु हो जाते हैं खुश, घर में रहती है बरकत

Peetal Utensil: पूजा-पाठ में इस वजह से पीतले के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है.

Peetal Utensil: मंदिर हो या घर इनमें पूजा-पाठ के दौरान अक्सर पीपल के बर्तनों (Peetal Utensil) का इस्तेमाल किया जाता है. गृह प्रवेश से लेकर शादी-विवाह इत्यादि मांगलिक कार्यों में पीतल के बर्तनों (Peetal Ke Bartan) का इस्तेमाल किया जाता है. शुभ या मांगलिक कार्यों में पीतल के बर्तनों को रखने की खास वजह है. क्या आप जानते हैं कि पूजा-पाठ सहित शुभ-मांगलिक कार्यों में पीतल के बर्तनों का इस्तेमाल क्यों किया जाता है. अगर आप इस बारे में नहीं जानते हैं तो चिंता की कोई बात नहीं. हम आपको इस बारे में विस्तार से बताते 

भगवान विष्णु को प्रिय है पीला रंग

पीतल को शुद्ध धातु माना गया है. इसका रंग पीला होता है. पीला रंग भगवान विष्णु सहित अन्य देवी-देवताओं को भी प्रिय होता है. इस रंग को त्याग, समर्पण, आध्यात्म का प्रतीक माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक पीतल का इस्तेमाल न सिर्फ पूजा-पाठ में होता है, बल्कि ये जन्म से लेकर मृत्यु तक के संस्कारों में किया जाता है. नवजात शिशु के जन्म से लेकर अंतिम संस्कार तक पीतल के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है.

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देवी-देवताओं का मिलता है आशीर्वाद

ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं के अनुसार, पूजा-पाठ के दौरान पीतल के बर्तनों (Peetal Utensil) का इस्तेमाल करने से बृहस्पति ग्रह (Brihaspati Grah) का शुभ प्रभाव प्राप्त होता है. बृहस्पति के शुभ प्रभाव से बिगड़े काम बनते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार पीतल के बर्तन (Peetal Utensils) से पूजा-पाठ करने पर देवी-देवता भी प्रसन्न होते हैं. इसके अलावा पीतल के पात्र से तुलसी में जल देने पर मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, जिससे घर में सुख-समृद्धि और बरकत बनी रहती है. 

पूजा में इन बर्तनों का ना करें इस्तेमाल

धार्म शास्त्र के जानकारों का कहना है कि भगवान को भोग लगाने के लिए प्रसाद भी पीतल के बर्तनों (Peetal Utensil) में ही पकाना अच्छा है. दरअसल ऐसा करने से पूजा का दोगुना फल प्राप्त होता है. साथ ही प्रभु का आशीर्वाद भी मिलता है. जबकि पूजा-पाठ के दौरान भूल से भी लोहे, एल्युमिनियम या कांच के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही इन धातुओं से बनी मूर्ति भी पूजा के लिए न रखें. माना जाता है कि ऐसा करने से देवी-देवता अप्रसन्न हो जाते हैं और आपको कष्ट झेलना पड़ सकता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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