Panchak 2026 Kab Hai: सनातन परंपरा में किसी भी कार्य में मनचाही सफलता पाने के लिए उसे शुरु करने से पहले शुभ और अशुभ समय देखे जाने की परंपरा है, जिसे अक्सर लोग पंचांग के माध्यम से देखते हैं. पंचांग के अनुसार जिन अशुभ दिनों और समय में किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को नहीं किया जाता है, उसमें पंचक भी शामिल है. पांच दिनों तक लगने वाला यह पंचक तब लगता है जब चंद्रमा धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती से गुजरता है.
इस पंचक का प्रभाव भी इसके शुरू होने वाले दिन से आंका जाता है. जैसे रविवार के दिन शुरू होने वाला पंचक रोग पंचक और सोमवार के दिन शुरू होने वाला पंचक राज पंचक कहलाता है. आइए जानते हैं कि साल 2026 में यह पंचक कब-कब पड़ेगा?
2026 के पंचक की तारीखें (Panchak Date List 2026)

जनवरी 2026 में कब पड़ेगा पंचक?
पंचांग के अनुसार साल पहले महीने में पंचक 21 जनवरी 2026, बुधवार को पूर्वाह्न 01:35 बजे प्रारंभ होकर 25 जनवरी 2026, रविवार को दोपहर 01:35 बजे समाप्त होगा.
फरवरी 2026 में कब पड़ेगा पंचक?
साल के दूसरे महीने में पंचक की शुरुआत 17 फरवरी 2026, मंगलवार को सुबह 09:05 बजे से प्रारंभ होकर 21 फरवरी 2026, शनिवार की शाम 07:07 बजे तक रहेगा.
मार्च 2026 में कब पड़ेगा पंचक?
पंचांग के अनुसार मार्च के महीने में पंचक 16 मार्च 2026, सोमवार की शाम 06:14 बजे से प्रारंभ होकर 21 मार्च 2026, शनिवार को पूर्वाह्न 02:27 बजे समाप्त होगा.
अप्रैल 2026 में कब पड़ेगा पंचक?
अप्रैल महीने में पंचक की शुरुआत 13 अप्रैल 2026, सोमवार को प्रात:काल 03:44 बजे प्रारंभ होकर 17 अप्रैल 2026, शुक्रवार को दोपहर 12:02 बजे समाप्त होगा.
मई 2026 में कब पड़ेगा पंचक?
पंचांग के अनुसार मई महीने में पंचक की शुरुआत 10 मई 2026, रविवार को दोपहर 12:12 बजे से प्रारंभ होगी और यह 14 मई 2026, बृहस्पतिवार को रात 10:34 बजे जाकर समाप्त होगा.
जून 2026 में कब पड़ेगा पंचक?
जून महीने में पंचक का प्रारंभ 06 जून 2026, शनिवार की शाम 07:03 बजे होगा और यह 11 जून 2026, बृहस्पतिवार को प्रात:काल 08:16 बजे होगा.

जुलाई 2026 में कब पड़ेगा पंचक?
जुलाई महीने में अशुभ माना जाने वाला पंचक 4 जुलाई 2026, शनिवार को पूर्वाह्न 12:48 बजे प्रारंभ होकर 8 जुलाई 2026, बुधवार की शाम 04:00 बजे समाप्त होगा.
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इसके बाद इसी महीने के आखिरी तारीख यानि 31 जुलाई 2026, शुक्रवार को एक बार फिर पंचक प्रात:काल 06:38 बजे से प्रारंभ होकर 04 अगस्त 2026, मंगलवार को रात्रि 09:54 बजे तक रहेगा.
अगस्त 2026 में कब पड़ेगा पंचक?
पंचांग के अनुसार इस साल अगस्त महीने में पंचक जहां शुरुआत की 01 से 04 तारीख तक रहेगा वहीं दूसरी बार यह 27 अगस्त 2026, बृहस्पतिवार की दोपहर 01:35 बजे से प्रारंभ होकर 01 सितंबर 2026, मंगलवार को पूर्वाह्न 03:23 बजे तक रहेगा.
सितंबर 2026 में कब पड़ेगा पंचक?
सितंबर महीने में पंचक की शुरुआत 23 सितंबर 2026, बुधवार को रात में 09:57 बजे से होगी और यह 28 सितंबर 2026, सोमवार को सुबह 10:16 बजे तक रहेगा.
अक्टूबर 2026 में कब पड़ेगा पंचक?
पंचांग के अनुसार अक्टूबर महीने में पंचक की शुरुआत 21 अक्टूबर 2026, बुधवार को सुबह 07:00 बजे से प्रारंभ होगी और यह 25 अक्टूबर 2026, रविवार की शाम 07:22 बजे तक रहेगा.

नवंबर 2026 में कब पड़ेगा पंचक?
नवंबर महीने में पंचक 17 नवंबर 2026, मंगलवार को दोपहर 03:30 बजे प्रारंभ होकर 22 नवंबर 2026, रविवार को प्रात:काल 05:54 बजे समाप्त होगा.
दिसंबर 2026 में कब पड़ेगा पंचक?
पंचांग के अनुसार दिसंबर महीने में पंचक की शुरुआत 14 दिसंबर 2026, सोमवार को रात्रि में 10:35 बजे होगी और यह 19 दिसंबर 2026, शनिवार की दोपहर 03:58 बजे तक रहेगा.
पंचक में नहीं किये जाते हैं ये 5 काम
ज्योतिष में जिस पंचक को बेहद अशुभ माना गया है, उसमें कुछेक कार्यों को करने की सख्त मनाही है. आइए जानते हैं कि पंचक में आखिर कौन से 5 काम हैं जिन्हें भूलकर भी नहीं किया जाता है.
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1. हिंदू मान्यता के अनुसार पंचक में भूलकर भी अपने घर में लकड़ी और इससे बने सामान, घास आदि को इकट्ठा करके घर नहीं लाना चाहिए क्योंकि इसे बड़ा दोष माना गया है.
2. पंचक के दौरान चारपाई को बुनना या फिर उसे खोलना या फिर बांधने आदि का कार्य भी मना होता है.
3. पंचक के समय घर की छत डलवाने का कार्य नहीं करना चाहिए क्योंकि इसे ज्योतिष में अशुभ माना गया है.
4. पंचक के समय में दक्षिण दिशा की तरफ यात्रा करने को अशुभ माना गया है, ऐस में पंचक के दौरान भूलकर भी इस दिशा की यात्रा न करें.
5. पंचक के दौरान यदि घर-परिवार में किसी की मृत्यु हो जाए तो उसका अंतिम संस्कार सामान्य से करने की बजाय पंचक की शांति के साथ किया जाता है. पंचक शांति के लिए पांच पुतले बनाकर उसका भी अंतिम संस्कार होता है, ताकि पंचक के पांच गुना पड़ने वाले दुष्प्रभाव को दूर किया जा सके.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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