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This Article is From Feb 23, 2022

Ganpati Bappa: क्या आप जानते हैं किन चीजों से गणपति बप्पा को है सर्वाधिक प्रेम, जानें इसके पीछे की कथा

Ganpati Bappa: कहा जाता है कि ये वे चीजें हैं जो गणेश जी को बेहद प्रिय हैं और इन्हें चढ़ाने पर वे प्रसन्न हो जाते हैं.

Ganpati Bappa: क्या आप जानते हैं किन चीजों से गणपति बप्पा को है सर्वाधिक प्रेम, जानें इसके पीछे की कथा
Ganesha को भाती हैं ये चीजें.

Ganpati Bappa: प्रथम वंदनीय भगवान गणेश की महिमा अपरंपार है. विघ्नहर्ता गणेश शीघ्र प्रसन्न होने वाले देव माने जाते हैं. कहते हैं गणपती भगवान )Lord Ganesha) का दिल इतना बड़ा होता है कि वे किसी के भी दुख हर लेते हैं और उसे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दे देते हैं. ऐसे में भक्तों का प्रयास रहता है कि वे अपने आराध्य को उनकी प्रिय वस्तुओं से जल्द से जल्द प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकें. आइए जानते हैं कि कौन सी चीजें गणपति बप्पा की सबसे ज्यादा प्रिय मानी जाती हैं और क्या है इसके पीछे की पौराणिक कथा. 

गणेश जी का पूजन हो तो दूर्वा का सबसे ज्यादा महत्व होता है या फिर यूं कहें कि दूर्वा गणपति (Ganpati) पूजन का अनिवार्य अंग है तो भी गलत नहीं होगा. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि गणेश जी को दूर्वा इतनी ज्यादा प्रिय क्यों है. दरअसल इसके पीछे भी एक रोचक कथा है. पौराणिक काल में एक आग उगलने वाला राक्षस हुआ करता था जिसका नाम अनलासुर था. इस राक्षस के कारण देवता काफी परेशान हो गए थे और वे भगवान गणेश की शरण में पहुंचे. गणेश जी अनलासुर को निगल गए और देवलोक को उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलाई. लेकिन, अनलासुर को निगलने के कारण उनके उदर यानी पेट में जलन होने लगी. तब गणेश जी के पेट की जलन शांत करने के लिए उन्हें दूर्वा दी गई और तभी से दूर्वा गणेश जी की प्रिय मानी जाती है. 

वैसे तो गणपति बप्पा को लाल रंग काफी प्रिय है, लिहाजा लाल रंग के कई पुष्प उन्हें अर्पित किए जाते हैं. लेकिन, इनमें से भी उन्हें गुड़हल का फूल सबसे ज्यादा प्रिय माना जाता है. इसे जासवंत के फूल के रूप में भी पहचाना जाता है. मान्यता है कि इस फूल में रज और सत गुण विद्यमान होते हैं और इसकी चार पंखुड़ियां गणेश जी के चार सकारात्मक गुणों का प्रतिनिधित्व करती हैं. इस फूल की आकृति स्वास्तिक से भी मिलती है जो अपने आप में भगवान गणेश का प्रतीक माना जाता है. 

मोदक (Modak) गणपति बप्पा का प्रिय प्रसाद है. कथा के अनुसार, एक बार परशुराम जी के परशु से गणेश जी (Ganesh Ji) का एक दांत टूट गया और वे एकदंत हो गए. इसके बाद उन्हें भोजन करने में कोई परेशानी न हो इसके लिए नर्म और स्वादिष्ट मोदक बनाए गए. तभी से मोदक गणपति के प्रिय माने जाते हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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