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This Article is From Oct 12, 2023

Ashwin Masik Shivratri 2023 : आज है मासिक शिवरात्रि का व्रत, भोलेनाथ के भक्त इस तरीके से रखेंगे व्रत

Ashwin Masik Shivratri 2023 : आपको बता दें कि हिन्दू पंचांग के अनुसार मासिक शिवरात्रि हर महीने कृष्ण पक्ष के 14वें दिन मनाई जाती है.

Ashwin Masik Shivratri 2023 : आज है मासिक शिवरात्रि का व्रत, भोलेनाथ के भक्त इस तरीके से रखेंगे व्रत
Lord Shiva : मासिक शिवरात्रि वाले दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लीजिए. 

Masik Shivratri october 2023 : आज अक्टूबर महीने की मासिक शिवरात्रि व्रत है. हिन्दू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष धार्मिक महत्व है. यह व्रत हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने वाले की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में आने वाली सारी बाधाओं को भोलेनाथ दूर कर देते हैं. इस व्रत को करने वालों पर सदैव भगवान शिव का हाथ होता है. ऐसे में चलिए आपको बताते हैं मासिक शिवरात्रि की व्रत विधि क्या है. 

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कब है अक्टूबर की मासिक शिवरात्रि 

आपको बता दें कि हिन्दू पंचांग के अनुसार मासिक शिवरात्रि हर महीने कृष्ण पक्ष के 14वें दिन मनाई जाती है. इस व्रत का मुहूर्त 12 अक्टूबर को 7.53 बजे से शुक्रवार, 13 अक्टूबर रात 09.50 बजे तक रहेगा. जैसा की आपको पता है शिवरात्रि पर शिव-पार्वती पूजन मध्य रात्रि में होता है तो ऐसे में शिवरात्रि का व्रत 12 अक्टूबर यानी आज रखा जाएगा.

क्यों मनाते हैं मासिक शिवरात्रि

यह व्रत ना केवल इंद्रियों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है, बल्कि क्रोध, इर्ष्या, अभिमान और लालच जैसी भावनाओं को रोकने में भी मदद करता है. मासिक शिवरात्रि हर महीने मनाई जाती है. शास्त्रों के अनुसार साप्ताहिक त्योहारों में सोमवार का दिन भगवान भोले नाथ को समर्पित है.

मासिक शिवरात्रि व्रत विधि

- मासिक शिवरात्रि वाले दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लीजिए. 
- अब आप घर पर या किसी शिव मंदिर में भगवान शिव और उनके परिवार की पूजा करिए.
- सबसे पहले आप शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, घी, दूध,चीनी, शहद, दही आदि से करें. 
- अब आप शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं.
- अब आप भगवान शिव की धूप, दीप, फल और फूल से पूजा करिए.
-शिव पुराण, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा और शिव श्लोक का पाठ करिए.
-शाम के समय आप फलहार कर सकते हैं. 
-अगले दिन भगवान शिव की पूजा करें और दान आदि करने के बाद अपना उपवास खोलें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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