Shardiya Navratri 2020 3rd Day: नवरात्रि (Navratri 2020) के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है. इस बार मां चंद्रघंटा की पूजा 19 अक्टूबर को की जा रही है. इन पूरे नौ दिनों में हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा होती है. मां का तीसरा रूप राक्षसों का वध करने के लिए जाना जाता है. मान्यता है कि वह अपने भक्तों के दुख को दूर करती हैं, इसीलिए उनके हाथों में तलवार, त्रिशूल, गदा और धनुष होता है. मान्यता है कि मां चंद्रघंटा (Maa Chandraghanta) की उपासना साधक को आध्यात्मिक और आत्मिक शक्ति प्रदान करती है.
जानिए मां चंद्रघंटा के बारे में कुछ खास बातें
1. मां चंद्रघंटा के माथे पर घंटे के आकार का आधा चांद बना होता है, इसी वजह से इन्हें चंद्रघंटा कहते हैं.
2. मां चंद्रघंटा का रूप सोने की तरह चमकीला होता है. हाथ दस होते हैं और सभी में शस्त्र और बाण पकड़े हुए दिखती हैं. सिंह इनकी सवारी होता है.
3. मां चंद्रघंटा को सुगंध प्रिय है. इसलिए इनका पूजन करते समय फूल और इत्र चढ़ाएं.
4. मां चंद्रघंटा का मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
5. मान्यता है कि मां चंद्रघंटा की पूजा करने से भक्तों के कष्ट हमेशा के लिए खत्म हो जाते हैं.
कैसे करें मां चंद्रघंटा की पूजा?
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा के लिए खासकर लाल रंग के फूल चढ़ाएं. इसके साथ ही फल में लाल सेब चढ़ाएं. भोग चढ़ाने के दौरान और मंत्र पढ़ते वक्त मंदिर की घंटी जरूर बजाएं, क्योंकि मां चंद्रघंटा की पूजा में घंटे का बहुत महत्व है. मान्यता है कि घंटे की ध्वनि से मां चंद्रघंटा अपने भक्तों पर हमेशा अपनी कृपा बरसाती हैं. मां चंद्रघंटा को दूध और उससे बनी चीजों का भोग लगाएं और और इसी का दान भी करें. मां चंद्रघंटा को मखाने की खीर का भोग लगाना श्रेयस्कर माना गया है. मान्यता है कि ऐसा करने से मां खुश होती हैं और सभी दुखों का नाश करती हैं.
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