Narasimha Jayanti: नरसिंह जयंती वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है. हिंदू धर्म में इस जयंती का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान विष्णु ने आधे नर और आधे सिंह का अवतार लिया था. इसलिए उन्हें नरसिंह अवतार कहा जाता है. मान्यता है कि इस दिन नरसिंह भगवान की पूजा करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है. इस बार नरसिंह जयंती 25 मई को है.
नरसिंह जयंती का महत्व
मान्यता है कि भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर राजा हिरण्यकश्यप का अंहकार और वरदान दोनों चूर-चूर कर दिया था. पौराणिक कथाओं में नरसिंह जयंती की कथा काफी प्रचलित है. मान्यता है कि भगवान नरसिंह जयंती के दिन उनकी पूजा और व्रत रखने से सभी दुख और दर्द दूर हो जाते हैं, क्योंकि जिस प्रकार उन्होंने भक्त प्रहलाद की हमेशा रक्षा की, ठीक उसी प्रकार भगवान नरसिंह अपने भक्तों को कष्टों से सुरक्षित रखते हैं.
नरसिंह जयंती का शुभ मुहूर्त
नरसिंह जयंती तिथि: 25 मई 2021
नरसिंह जयंती पर पूजा का समय: दोपहर 4:26 मिनट से शाम 7:11 मिनट तक
पूजा की अवधि: 2 घंटे 45 मिनट
नरसिंह जयंती का मंत्र
‘नैवेद्यं शर्करां चापि भक्ष्यभोज्यसमन्वितम्। ददामि ते रमाकांत सर्वपापक्षयं कुरु'
नरसिंह जयंती पर इस विधि से करें पूजा
- भगवान नरसिंह की पूजा शाम को होती है.
- शाम के समय मंदिर के पास नरसिंह के साथ माता लक्ष्मी की भी मूर्ति या तस्वीर रखें.
- पूजा के लिए मौसम के फल, फूल, चंदन, कपूर, रोली, धूप, कुमकुम, केसर, पंचमेवा, नारियल, अक्षत, गंगाजल, काले तिल और पीताम्बर रखें.
- भगवान नरसिंह और माता लक्ष्मी को पीले वस्त्र पहनाएं.
- चंदन, कपूर, रोली और धूप दिखाने के बाद भगवान नरसिंह की कथा सुनें और मंत्र का जाप करें.
- पूजा-पाठ के बाद गरीबों को तिल, कपड़ा आदि दान करें.
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