Nag Panchami 2022: नागपंचमी सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है. इस दिन नाग देवता क पूजा का विधान है. इस साल नाग पंचमी 02 अगस्त को मनाई जाएगी. धार्मिक मान्यतानुसार इस दिन नाग देवता को दूध अर्पित किया जाता है. माना जाता है कि इस दिन ऐसा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. जिससे कालसर्प जैसे दोषों से भी मुक्ति मिलने की मान्यता है. इसलिए हिंदू धर्म में नाग को पूजनीय माना जाता है. कहा जाता है कि नाग देवता प्रत्येक देवी-देवता के विराट रूप में कहीं ना कहीं मौजूद हैं. भगवान शिव अपने गले में नाग का हार धारण किए हुए हैं. श्रीगणेश जी का जनेऊ के रूप में नाग को धारण किए हुए हैं. वहीं भगवान विष्णु नाग की शैय्या पर ही विश्राम करते हैं. इसके अलावा समुद्र मंथन के समय नाग देवता की भी अहम भूमिका थी. दरअसल नाग मान्यता है कि नाग देवता के फन पर ही धरती टिकी हुई है. आइए जानते हैं कि नागपंचमी (Nag Panchami) के दिन नाग देवता की पूजा किस प्रकार की जाती है.
नाग देवता की पूजा कैसे करें | Nag Panchami Puja Vidhi
धार्मिक मान्यता है कि नागपंचमी (Nag Panchami) के दिन नाग देवता को दूध पिलाया जाता है. इस दिन नाग देवता को कैद से मुक्त करना भी नाग देवता की पूजा का एक अंग है. नाग पंचमी का दिन कालसर्प दोष के मुक्ति पाने के लिए खास होता है. मान्यता है कि इस दिन काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा बनवाकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर देना अच्छा रहता है. इस दिन रुद्राभिषेक के वक्त नाग देवता की पूजा करना उत्तम माना गया है. इसके अलावा किसी मंदिर में चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा रखकर उसकी पूजा की जाती है. मान्यता है कि इससे नाग देवता और भगवान शिव दोनों प्रसन्न होते हैं.
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नाग पंचमी पूजा मंत्र | Nag Panchami Puja Mantraसर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले
ये च हेलिमरीचिस्था येऽन्तरे दिवि संस्थिताः
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिनः
ये च वापीतडगेषु तेषु सर्वेषु वै नमः
अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्
शङ्ख पालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्
सायङ्काले पठेन्नित्यं प्रातःकाले विशेषतः
तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्
जिनकी कुंडली में नाग नाराज हैं और जीवन में कई संकटों का सामना करना पड़ रहा है, वे लोग नाग पंचमी के दिन शिवलिंग का रुद्राभिषेक करें और चांदी का नाग-नागिन का जोड़ा अर्पित करें. इसके अलावा गंगा नदी में चांदी का नाग-नागिन का जोड़ा प्रवाहित करना भी बहुत अच्छा उपाय है. मान्यता है कि ऐसा करने नाग देवता प्रसन्न होता हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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