Mrityu Panchak June 2022: जल्द शुरू होने जा रहा है मृत्यु पंचक, जानें तिथि और इससे जुड़ी खास बातें

Mrityu Panchak June 2022: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक पंचक 5 दिनों की अवधि होती है. मृत्यु पंचक 18 जून से शुरू होने वाला है.

Mrityu Panchak June 2022: जल्द शुरू होने जा रहा है मृत्यु पंचक, जानें तिथि और इससे जुड़ी खास बातें

Mrityu Panchak June 2022: मृत्यु पंचक के दौरान शुब कार्य नहीं किए जाते हैं.

खास बातें

  • इस दिन से शुरू हो रहा है मृत्यु पंचक.
  • पंचक के दौरान नहीं किए जाते हैं शुभ कार्य.
  • पंचक की अवधि में नहीं करना चाहिए जोखिम भरा काम.

Mrityu Panchak June 2022: पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने में 5 दिन ऐसे होते हैं, जिस दौरान कोई भी मांगलिक और शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. इन 5 दिनों को पंचक (Panchak) कहा जाता है. ज्येष्ठ मास का महीना शुरू हो गया है. इस महीने का पंचक 18 जून, शनिवार से शुरू हो रहा है. जो कि अगले 5 दिन के बाद यानि 23 जून, गुरुवार को समाप्त होगा. मान्यता है पंचक (Panchak) के दौरान मांगलिक या शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं, क्योंकि कहा जाता है कि इस दौरान मांगलिक कार्य करने से शुभ फल प्राप्त नहीं होते हैं. यही कारण है कि कोई भी शुभ कार्य करने से पहले पंचक का विचार किया जाता है. आइए जानते हैं कि मृत्यु पंचक (Mrityu Panchak) कब से शुरू होने वाला है, इसका निर्धारण कैसे किया जाता है और इसका क्या महत्व है. 


कैसे किया जाता है मृत्यु पंचक का निर्धारण | Mrityu Panchak June 2022

ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के मुताबिक जब पंचक (Panchak) शनिवार से शुरू होता है तो उसे मृत्यु पंचक (Mrityu Panchak) कहा जाता है. मृत्यु पंचक को बेहद अशुभ माना जाता है. पंचक के 5 प्रकार बताए गए हैं. अग्नि पंचक, मृत्यु पंचक, राज पंचक, रोग पंचक और चोर पंचक. 

मृत्यु पंचक से जुड़ी खास बातें | Mrityu Panchak

ज्योतिष के अनुसार, शनिवार से पड़ने वाले पंचक को मृत्यु पंचक (Mrityu Panchak) कहा जाता है. इस पंचक का संबंध मृत्यु से होता है. माना जाता है कि इस पंचक के दौरान कष्ट मृत्यु के समान होता है. यही कारण है कि इसे बेहद अशुभ माना जाता है. कहा जाता है कि मृत्यु पंचक की अवधि में किसी प्रकार का जोखिम भरा काम नहीं करना चाहिए. मृत्यु पंचक के दौरान दुर्घटना या चोट लगने वाले कार्यों से परहेज करना चाहिए. 

क्या होता है नक्षत्र पंचक | What is Nakshatra Panchak 

ज्योतिष शास्त्र की मान्यता के मुताबिक जब चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र (Dhanishta Nakshatra) के तीसरे चरण में प्रवेश करता है और शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, रेवती और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में भ्रमण करता है तो उस अवधि को पंचक कहा जाता है. यह अवधि पांच दिनों की होती है. इसके अलावा जब चंद्रमा मीन या कुंभ राशि में प्रवेश करता है तो पंचक शुरू होता है.  

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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