Amavasya 2024: पंचांग के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या पड़ती है. माघ महीने में पड़ने के चलते इसे माघ अमावस्या (Magh Amavasya) भी कहते हैं. इस साल 9 फरवरी, शुक्रवार के दिन मौनी अमावस्या मनाई जाएगी. अमावस्या की विशेष धार्मिक मान्यता होती है. इस दिन पितरों का तर्पण (Tarpan) करना बेहद शुभ होता है. जो लोग पितरों का तर्पण नहीं करते हैं मान्यतानुसार उनसे पितृ नाराज हो सकते हैं. यहां जानिए मौनी अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण करने का क्या महत्व है और अमावस्या पर पितरों का तर्पण ना करने पर जातक के जीवन और घर-परिवार पर किस तरह के बुरे प्रभाव पड़ सकते हैं.
मौनी अमावस्या पर पितरों का तर्पण ना करने के नुकसान
माना जाता है कि जो लोग मौनी अमावस्या पर पितरों का तर्पण नहीं करते हैं उनके घर पर पितृ दोष (Pitra Dosh) लग सकता है. पितृ दोष लगने पर घर की सुख-शांति पर असर पड़ता है और घर में आर्थिक दिक्कतें भी पैदा हो सकती हैं.
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अमावस्या पर तर्पण ना करने पर जीवन अभावों से भर सकता है. कहते हैं मौनी अमावस्या पर तर्पण, भोज और दान करने का अत्यधिक महत्व होता है.
पितरों का तर्पण ना करने पर पितृ अतृप्त रह सकते हैं. पितृ अतृप्त रहते हैं तो जातक श्राप के भागीदार बन सकते हैं. इससे वंश को पितृ दोष लगने का खतरा भी रहता है.
जीवन में दरिद्रता आने का एक कारण पितरों का तर्पण ना करना भी माना जाता है. पितरों का तर्पण ना करने पर धन हानि और कारोबार में नुकसान हो सकता है.
कहा जाता है कि पितरों की नाराजगी के चलते वंश वृद्धि में बाधा आती है. मान्यतानुसार मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के दिन स्नान पश्चात जल से पितरों का तर्पण करना चाहिए. अमावस्या में पवित्र नदी का जल पितरों का नाम लेकर अर्घ्य दिया जाता है. इस तरह पितरों का तर्पण संपन्न होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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