
Masik Shivratri Vrat 2022: आषाढ़ मास की मासिक शिवरात्रि 27 जून को पड़ रही है.
खास बातें
- मासिक शिवरात्रि के दिन होती है शिवजी और मां पार्वती की पूजा.
- मासिक शिवरात्रि व्रत का है खास महत्व.
- आषाढ़ मास की मासिक शिवरात्रि है इस दिन.
Masik Shivratri Vrat 2022: मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri) भगवान शिव की पूजा के लिए खास अवसर होता है. इस दिन भगवान शिव जी (Shiv Ji) का आशीर्वाद पाने के लिए व्रत और उनकी पूजा की जाती है. साथ ही इस दिन मां पार्वती (Maa Parvati) की पूजा का भी विधान है. मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से शारीरिक और मानसिक परेशानियों से छुटकारा मिलता है. मासिक शिवरात्रि की व्रत प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है. आषाढ़ मास की मासिक शिवरात्रि का व्रत 27 जून को यानि आज है. आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि व्रत की तिथि, पूजा विधि और महत्व क्या है.
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मासिक शिवरात्रि व्रत 2022 तिथि | Masik Shivratri Date 2022
आषाढ़ मास की मासिक शिवरात्रि का व्रत 27 जून, सोमवार को यानी आज है. सोमवार, भगवान शिव की पूजा के लिए उत्तम माना जाता है. ऐसे में मासिक शिवरात्रि पर सोमवार पड़ने के कारण इसका महत्व और भी अधिक बढ़ गया है.
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शिवरात्रि व्रत का महत्व | Singnificance of Shivratri
शिवरात्रि व्रत (Shivratri Vrat) का खास महत्व है. जो लोग यह व्रत रखना चाहते हैं, वे इसे महाशिवरात्रि से आरंभ कर सकते हैं. साथ ही एक साल तक व्रत के नियम का पालन कर सकते हैं. धार्मिक मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत (Masik Shivratri Vrat) रखने से हर असंभव कार्य आसान हो जाते हैं. साथ ही शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. मान्यता है कि जो लोग मासिक शिवरात्रि का व्रत रखते हैं, उन्हें शिवरात्रि के दौरान जागरण करना चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुंवारी कन्याएं योग्य वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत रखती हैं. वहीं शादीशुदा महिलाएं इस व्रत को वैवाहिक जीवन में खुशहाली की कामना से करती हैं.
मासिक शिवरात्रि पूजा-विधि | Masik Shivratri Puja Vidhi
मासिक शिवरात्रि व्रत की खास विधि बताई गई है. इस दिन भगवान शिव की पूजा करने के लिए सुबह स्नान के निवृत होकर मंदिर में जाकर शिवजी को जल अर्पित किया जाता है. साथ ही शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, भांग, धतूरा इत्यादि अर्पित किया जाता है. शिवजी की पूजा करते वक्त ओम् नमः शिवाय मंत्र का जाप किया जाता है. जो लोग शिवरात्रि का व्रत रखते हैं वे फलाहार करते हैं. अगले दिन भगवान शिव की पूजा करन के बाद दान करके व्रत का पारण किया जाता है. इस दिन भगवान शिव का रूद्राभिषेक करना अत्यंत शुभ माना गया है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)