Lord Shiva Puja Special Yog : चार अक्टूबर को अश्विन मास (Ashwin Month Shivratri) की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत (Masik Shivratri Vrat) रखा जाएगा. इस दिन मासिक शिवरात्रि को भगवान शिव (Bhagwan Shiv Puja) की पूजा की जाती है और यह दिन उनको समर्पित है. इस दिन भगवान शिव शंकर की पूजा की जाती है और व्रत पूरे विधि विधान से किया जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार मासिक शिवरात्रि के दिन यह व्रत भगवान शिव के व्रतों में विशेष महत्व रखता है. दरअसल, स्कंदपुराण में इस बात का उल्लेख किया गया है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत और पूजन (Shivratri Vrat Pujan) वगैरह करने से हर भक्त में रज और तम के गुणों का संतुलन बनता है, जोकि हर भक्त को मोक्ष की प्राप्ति हेतु अनिवार्य माना गया है. इस बार यह व्रत 4 अक्टूबर को सोमवार के दिन होगा. इस दिन एक विशिष्ट संयोग भी बन रहा है. चलिए जानते हैं विशिष्ट संयोग में इस बार क्या खास है भक्तों के लिए
प्रदोष व्रत का विशिष्ट संयोग (Shivratri-Pradosh Vrat Sanyog)
हिंदू पंचाग के मुताबिक अश्विन मास की मासिक शिवरात्रि इस बार चार अक्टूबर को पड़ रही है. परंतु इस दिन भगवान शिव के पूजन के विशेष संयोग बन रहा है. तिथि के मुताबिक मासिक शिवरात्रि को सोमवार का दिन है. वहीं, इस दिन सुबह के समय त्रयोदशी तिथि होने के कारण प्रदोष व्रत शुरू होगा. सोमवार की वजह से इस दिन सोम प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है. इस दिन भगवान शंकर के प्रिय सोमवार को प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि का विशिष्ट संयोग है. धार्मिक दृष्टि से इस दिन भगवान शिव का व्रत और पूजन विशेष फलदायी रहेगा.
शुभ मुहूर्त जान लें (Shivratri Shubh Muhurat)
हिंदू पंचांग के मुताबिक अश्विन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को चार अक्टूबर को है, इस दिन सोमवार का दिन पड़ रहा है. हिंदू पंचाग के मुताबिक चार अक्टूबर, सोमवार को रात नौ बजकर पांच मिनट पर चतुर्दशी की तिथि आरंभ हो जाएगी और इसका समापन पांच अक्टूबर को मंगलवार के दिन शाम सात बजकर चार मिनट पर होगा.
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