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मंगल के कन्या राशि में गोचर से देश-दुनिया में क्या होगा बदलाव, जानें सेहत से लेकर संबंध तक कैसा डालेगा ये असर?

Mars Transit 2025: भूमिपुत्र कहलाने वाले मंगल देव का बुध की राशि कन्या में गोचर देश दुनिया में आखिर क्या कुछ बड़ा बदलाव लाने जा रहा है. मंगल का यह गोचर आपकी सेहत से लेकर संबंधों पर क्या कुछ डालेगा असर, जानने के लिए पढ़ें ये लेख.

मंगल के कन्या राशि में गोचर से देश-दुनिया में क्या होगा बदलाव, जानें सेहत से लेकर संबंध तक कैसा डालेगा ये असर?
मंगल के कन्या राशि में गोचर का देश—दुनिया पर क्या पड़ेगा प्रभाव?

Mangal Gochar 2025: ज्योतिष के अनुसार जब मंगल जैसे उग्र और अग्निमय ग्रह का गोचर होता है, तो वह केवल खगोलीय परिवर्तन नहीं होता – बल्कि वह समय का बिगुल है. यह हमें भीतर की उर्जा को पहचानने, नियंत्रित करने और दिशा देने का ललकारता है. 28 जुलाई 2025 को मंगल सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करने के बाद लगभग दो महीनों तक इसी राशि में रहेगा. यह कालक्रम न केवल व्यक्ति के जीवन में बदलाव लाता है, बल्कि राष्ट्रों की रणनीति, नीतियों और यहां तक कि जलवायु के स्वरूप को भी प्रभावित करता है. आइए मंगल के गोचर का देश-दुनिया और आपकी सेहत-संबंध पर कैसा असर पड़ने जा रहा है, इसे जानी-मानी ज्योतिषाचार्य एवं वास्तुविद डॉ. नीति शर्मा से जानते हैं — 

मंगल के कन्या राशि में गोचर का ज्योतिषीय महत्व 

कन्या राशि बुध की राशि है – जो विचार, विवेक, विश्लेषण और योजना से जुड़ी होती है. जब इस विश्लेषणात्मक राशि में मंगल प्रवेश करता है, तब क्रिया और विचार के बीच संघर्ष उत्पन्न होता है. यह गोचर हमें उर्जा देता है, लेकिन उस उर्जा को यदि सही दिशा नहीं मिली, तो वह दुर्घटना, विवाद और मानसिक थकान का कारण भी बन सकती है.

इस समय मंगल उत्तराफाल्गुनी, हस्त, और अंत में चित्रा नक्षत्रों से गुजरेगा. उत्तराफाल्गुनी मंगल को सरकारी तंत्र, प्रशासन और व्यवस्था से भिड़ा सकता है. हस्त नक्षत्र के दौरान मानसिक द्वंद्व, व्यावसायिक अनिर्णय और रिश्तों में भ्रम उत्पन्न हो सकते हैं. जबकि चित्रा – जो स्वयं मंगल का ही नक्षत्र है – वहाँ यह ग्रह अपने पूरे उग्र रूप में आ सकता है. यह वह समय होता है जब या तो निर्माण होता है, या विध्वंस. ऐसे में यह चरण सेना, पुलिस, टेक्नोलॉजी, मीडिया, साइबर हमलों और आंतरिक असंतोष से जुड़ी घटनाओं का साक्षी बन सकता है.

देश पर क्या कुछ पड़ेगा असर 

भारत पर इसका प्रभाव काफी प्रत्यक्ष रहेगा. सीमाओं पर हलचल, रक्षा-नीतियों में संशोधन, और सरकार व प्रशासन के बीच संवाद की नई परिभाषाएँ रची जाएँगी. यह समय विरोध और प्रतिरोध का है, जहाँ लोकतंत्र की भाषा में शक्ति और साहस के नए मायने सामने आएंगे. देश के भीतर बेरोज़गारी, स्वास्थ्य, टेक्नोलॉजी और युवा असंतोष के मुद्दे प्रमुख होंगे.

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दुनिया में कुछ ऐसा दिखेगा बदलाव 

दुनिया के स्तर पर, चीन और अमेरिका की कूटनीतिक लपटें तेज़ हो सकती हैं. रूस-यूक्रेन विवाद एक नई दिशा ले सकता है. यूरोप तकनीकी उथल-पुथल, डेटा हैकिंग, और ऊर्जा संकट से गुजर सकता है. और इन सबके बीच संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय संगठन एक बार फिर अपनी निष्क्रियता को लेकर कटघरे में खड़े होंगे.

आम जीवन पर क्या पड़ेगा प्रभाव 

अब यदि हम व्यक्ति विशेष के जीवन की बात करें, तो यह गोचर जीवन के तीन महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर सीधा प्रभाव डालता है - स्वास्थ्य, व्यवसाय और संबंध.

  • इस दौरान स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं, विशेषकर पाचन तंत्र, रक्त विकार, सिरदर्द और जोड़ों के दर्द जैसी समस्याएँ उभर सकती हैं. मानसिक थकान और चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है. विशेष रूप से जिनकी कुंडली में मंगल अशुभ है या जिनकी राशि कन्या, मीन, मिथुन या तुला है - उन्हें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए.
  • व्यवसाय के क्षेत्र में, यह समय विश्लेषण और पुनर्विचार का है. आप योजनाएँ बनाएंगे, लेकिन यदि उन पर जल्दबाज़ी में अमल किया गया, तो नुकसान संभव है. यह समय साझेदारी में विशेष सावधानी बरतने का है. लाभ उन्हीं को मिलेगा जो विवेक और धैर्य से काम लेंगे.
  • रिश्तों की बात करें तो, मंगल का यह गोचर क्रोध, गलतफहमी और वाणी पर नियंत्रण की कमी के कारण संबंधों में तनाव उत्पन्न कर सकता है. विशेषकर वैवाहिक संबंध और प्रेम-संबंधों में अहं और ग़लतफहमियों से बचना ज़रूरी है. यह समय है संवाद और संतुलन का.

किन उपायों से मंगल नहीं करता अमंगल 

ज्योतिष शास्त्र कहता है कि - मंगल बुरा नहीं होता, केवल उसकी दिशा अगर भटक जाए तो वह ऊर्जा संकट बन जाती है. ऐसे में इस गोचर के दौरान नीचे बताए गये कुछ सरल और प्रभावशाली उपाय हैं, जिन्हें अपनाकर मंगल के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है और उसकी शुभता को जाग्रत किया जा सकता है:

  • हर मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें.
  • लाल मसूर की दाल का दान करें.
  • रक्तदान करें, या रक्त से जुड़ी सेवा में सहयोग दें.
  • मंगलवार को लाल वस्त्र, लाल चंदन का तिलक, और मूंगा रत्न का सेवन करें (ज्योतिष सलाह अनुसार).
  • मंगल बीज मंत्र: “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” - इसका 108 बार जप करें.

ग्रहों के सेनापति मंगल से क्या मिलती है प्रेरणा 

“मंगल वह शक्ति है जो या तो आपको रणभूमि का विजेता बनाती है या मन की अशांति का शिकार. यह गोचर हमें अपने भीतर की शक्ति को पहचानने, उसे अनुशासित करने और अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होने का संकल्प देता है. यही समय है - जागरूक होने का, क्रोधित नहीं – कर्मशील होने का.”

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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