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This Article is From Jan 14, 2022

Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति पर बन रहे हैं ये 3 शुभ संयोग, जानिए इसका महत्व

मकर संक्रांति 14 जनवरी यानि आज बड़े ही धूमधाम से मनाई जा रही है. इस बार मकर संक्रांति पर शुभ संयोग बन रहा है, जिसकी शुरुआत रोहणी नक्षत्र में हो रही है. इस नक्षत्र को बेहद शुभ नक्षत्र माना जा रहा है.

Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति पर बन रहे हैं ये 3 शुभ संयोग, जानिए इसका महत्व
Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति पर बन रहा है ये विशिष्ट संयोग
नई दिल्ली:

हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का बड़ा महत्व बताया गया है, इसे उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है. हर साल की तरह इस साल भी मकर संक्रांति 14 जनवरी यानि आज बड़े ही धूमधाम से मनाई जा रही है. इस दिन सूर्य मकर राशि (Makar Rashi) में प्रवेश करते हैं, इसलिए इसे मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2022) कहा जाता है. बताया जा रहा है कि इस बार मकर संक्रांति की शुरुआत रोहणी नक्षत्र में हो रही है, जो कि शाम 08 बजकर 18 मिनट तक होगा. इस नक्षत्र को शुभ नक्षत्र माना जाता है. मान्यता है कि इस नक्षत्र में स्नान दान और पूजन करना विशेष फलदायी होता है. इसके अलावा इस दिन ब्रह्म योग और आनंदादि योग का भी बन रहा है, जो अनंत फलदायी माना जाता है. इस दिन सूर्य देव का विधि-विधान से पूजन किया जाता है और व्रत रखा जाता है.

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मकर संक्रांति का महत्व  | Makar Sankranti Significance

मकर संक्रांति या उत्तरायण के पर्व का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लेने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. वहीं इस दिन तिल-गुड़, चावल-दाल की खिचड़ी आदि का दान करना शुभ माना जाता है. इस दिन सूर्य देव का पूजन किया जाता है. माना जाता है कि इस दिन सूर्य भगवान की विधि-विधान से उपासना करने से व्यक्ति सभी कष्ट नष्ट हो जाते हैं. मकर संक्रांति के दिन कई राज्यों में पतंग उड़ाने की भी परंपरा है. मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2022) का पर्व देश के अलग-अलग हिस्सों में विभिन्न परंपराओं और नाम के साथ मनाया जाता है.

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मकर संक्रांति 2022 पर संयोग

मकर संक्रांति के दिन सूर्य दोपहर में 02 बजकर 43 मिनट पर प्रवेश करेगा, उस समय रोहिणी नक्षत्र है. इस बार की मकर संक्रांति रोहिणी नक्षत्र में है. रोहिणी नक्षत्र के स्वामी ब्रह्मा जी हैं.

रोहिणी नक्षत्र रात 08 बजकर 18 मिनट तक है.

इसके बाद मृगशिरा नक्षत्र रहेगा.

ब्रह्म योग दोपहर 01 बजकर 36 मिनट से शुरू हो जाएगा, जो अगले दिन 15 जनवरी को दोपहर 02 बजकर 34 मिनट तक है. यह योग शुभ कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है.

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14 जनवरी को आनन्दादि योग भी रात 08 बजकर 18 मिनट तक है.

14 जनवरी को विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 15 मिनट से दोपहर 02 बजकर 57 मिनट तक रहेगा.

अमृत काल शाम 04 बजकर 40 मिनट से शाम 06 बजकर 29 मिनट तक है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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