विज्ञापन
This Article is From Jan 14, 2017

मकर संक्रांति 2017: सब तीरथ बार-बार, गंगासागर एक बार, जब सागर में लगता है मिनी कुंभ

मकर संक्रांति 2017: सब तीरथ बार-बार, गंगासागर एक बार, जब सागर में लगता है मिनी कुंभ
साल 2017 में गंगासागर मेले में 20 लाख लोगों के आने की उम्मीद है. (फाइल फोटो)
भारत की नदियों में सबसे पवित्र गंगा, गंगोत्री से निकल कर पश्चिम बंगाल में जहां उसका सागर से मिलन होता है, उस स्थान को गंगासागर कहते हैं. इसे सागरद्वीप भी कहा जाता है. यह स्थान देश में आयोजित होने वाले तमाम बड़े मेलों में से एक, गंगासागर मेला, के लिए सदियों से विश्व विख्यात है. हिन्दू धर्मग्रन्थों में इसकी चर्चा मोक्षधाम के तौर पर की गई है, जहां मकर संक्रांति के मौके पर दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु मोक्ष की कामना लेकर आते हैं और सागर-संगम में पुण्य की डुबकी लगाते हैं. एक आकलन के मुताबिक़ साल 2017 में यहां 20 लाख लोगों के आने की उम्मीद है.

पश्चिम बंगाल के दक्षिण चौबीस परगना जिले में स्थित इस तीर्थस्थल पर कपिल मुनि का मंदिर है, जिन्होंने भगवान राम के पूर्वज और इक्ष्वाकु वंश के राजा सगर के 60 हजार पुत्रों का उद्धार किया था. मान्यता है कि यहां मकर संक्रांति पर पुण्य-स्नान करने से मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है.

मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं के पुण्य-स्नान के लिए क्षिप्रा में छोड़ा जाएगा नर्मदा नदी का जल

मान्यता है कि गंगासागर की तीर्थयात्रा सैकड़ों तीर्थयात्राओं के समान है. हर किसी को यहां आना नसीब नहीं होता है. इसकी पुष्टि एक प्रसिद्ध लोकोक्ति से होती है, जिसमें कहा गया है, “सब तीरथ बार-बार, गंगासागर एक बार”. हालांकि यह उस ज़माने की बात है, जब यहां पहुंचना बहुत कठिन था. आधुनिक परिवहन और संचार साधनों से अब यहां आना सुगम हो गया है.

गंगासागर में मकर संक्रांति यानी 14 जनवरी से एक हफ्ता पहले ही मेला शुरू हो जाता है, जिसमें दुनिया के विभिन्न भागों से तीर्थयात्री, साधु-संत आते हैं और संगम में स्नान कर सूर्यदेव को अर्ध्य देते हैं. मेले की विशालता के कारण बहुत लोग इसे मिनी कुंभ मेला भी कहते हैं.

मकर संक्रांति के दिन यहा सूर्यपूजा के साथ विशेष तौर कपिल मुनि की पूजा की जाती है. लोग तिल, चावल और तेल का दान देते हैं. अनेक श्रद्धालु सागर देवता को नारियल अर्पित करते हैं, वहीं गउदान भी किया जाता है.

सूर्य उपासना का विशेष पर्व है मकर संक्रांति, जानिए कहां-कहां कैसे मनाया जाता है यह त्यौहार

उल्लेखनीय है कि साल 2017 में मकर संक्रांति शन‌िवार के द‌िन मनाया जाएगा, जो एक दुर्लभ योग है. वैदिक ज्योतिष में शनिदेव न केवल शनिवार के अधिपति हैं, बल्कि मकर राशि के स्वामी भी हैं. हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस साल मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 38 मिनट से शुरू होगा जो शाम 6 बजकर 18 मिनट तक रहेगा.

हिन्दू मान्यता के अनुसार, साल की 12 संक्रांत‌ियों में मकर संक्रांत‌ि का सबसे महत्व ज्यादा है. कहते हैं, इस द‌िन सूर्य मकर राश‌ि में आते हैं और इसके साथ देवताओं का द‌िन शुरु हो जाता है, जो देवशयनी एकादशी से सुप्त हो जाते हैं.

आस्था सेक्शन से जुड़ी अन्य खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Gangasagar Mela, Makar Sankranti Gangasagar, Makar Sankranti 2017, How To Celerbrate Makar Sankranti, गंगासागर मेला, मकर संक्रांति गंगासागर, मकर संक्रांति 2017, मकर संक्रांति कैसे मनाएं
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com