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This Article is From Oct 24, 2023

महाराष्ट्र: विजयदशमी पर शिरडी के साईं बाबा मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़ 

Vijayadashami 2023: शिरडी हिंदुओं के सबसे प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है. हर दिन बड़ी संख्या में भक्त मंदिर में आते हैं और साईं बाबा की एक झलक पाने के लिए कतार में लगते हैं.

महाराष्ट्र: विजयदशमी पर शिरडी के साईं बाबा मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़ 
विजयदशमी पर भक्तों ने किए सांई बाबा के दर्शन.
शिरडी (महाराष्ट्र):

विजयदशमी या दशहरा के अवसर पर भक्त महाराष्ट्र के शिरडी में साईं बाबा मंदिर में उमड़ पड़े. जैसे ही पुजारियों ने पूजा की, भक्तों ने उत्साह के साथ 'साईं बाबा की जय' के नारे लगाए. शिरडी को प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु साईं बाबा का घर माना जाता है. यह हिंदुओं के सबसे प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है. हर दिन बड़ी संख्या में भक्त मंदिर में आते हैं और साईं बाबा की एक झलक पाने के लिए कतार में लगते हैं.

रावण पर भगवान राम की विजय के प्रतीक के रूप में आज देश दशहरा मना रहा है. हालांकि, उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक अनोखा मंदिर है जहां रावण की उसकी 'बुद्धि' के लिए पूजा की जाती है.

कानपुर के दशानन मंदिर की मान्यता है कि रावण एक बौद्धिक पुजारी था. हालांकि, वह अपने अहंकार के कारण भगवान राम से हार गया.

इससे पहले आज दशहरा के अवसर पर रावण की पूजा के लिए दशानन मंदिर को भक्तों के लिए खोल दिया गया था.

"हम आज इस मंदिर को खोलते हैं और आज दशहरा के दिन रावण की पूजा करते हैं और फिर शाम को पुतला जलाने के बाद इस मंदिर को बंद कर देते हैं. यह केवल दशहरा के दिन खुलता है... हम उनके ज्ञान के लिए उनकी पूजा करते हैं..." दशानन मंदिर के पुरोहित राम बाजपेयी ने कहा.

'दशहरा' या 'विजयदशमी' बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. यह नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि उत्सव के समापन का भी प्रतीक है.

यह आश्विन महीने के दसवें दिन मनाया जाता है, जो हिंदू चंद्र-सौर कैलेंडर में सातवां महीना है. यह त्योहार आमतौर पर ग्रेगोरियन कैलेंडर के सितंबर और अक्टूबर महीने में आता है.

इस त्योहार से रोशनी के पर्व दिवाली की तैयारी भी शुरू कर हो जाती है, जो विजयदशमी के 20 दिन बाद मनाया जाता है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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