Mahakumbh 2025 Upay: प्रयागराज में शुरू हो चुके महाकुंभ में भक्तों का मेला लगा हुआ है. सभी भक्त, अलग अलग आस्था और विश्वास के साथ महाकुंभ (Mahakumbh) में पुण्य की डुबकी लगाने जा रहा है. इस बार महाकुंभ में हो रहे विशेष स्नान को शाही स्नान की जगह अमृत स्नान (Amrit Isnaan) कहा जा रहा है. जिसमें अब तक करीब चार करोड़ के करीब भक्तों ने डुबकी भी लगा ली है. महाकुंभ सिर्फ आस्था का ही सैलाब नहीं है. ये भी माना जाता है कि महाकुंभ में लगाई गई डुबकी जीवन में आने वाली कई समस्याओं को भी दूर करती है. मान लीजिए आपके पितर (Pitra) आप से नाराज हैं, तो इस कुंभ में लगाई गई डुबकी से पितरों की नाराजगी भी दूर की जा सकती है. ऐसा माना जाता है कि महाकुंभ में जाकर कुछ खास उपाय करने से पितृ दोष या पितरों की नाराजगी को दूर किया जा सकता है.
Mahakumbh 2025 : महाकुंभ में स्नान के बाद करें ये उपाय, पितृदोष से मिल सकती है मुक्ति
महाकुंभ में पितरों की नाराजगी दूर करने के उपाय | Mahakubh Upay To Make Pitra Happy
नाराज पितृ को प्रसन्न करने के लिए करें गंगा स्नान
ऐसी मान्यता है कि नाराज पितरों को प्रसन्न करने के लिए महाकुंभ में गंगा स्नान जरूर करना चाहिए. इस स्नान के बाद गंगा के किनारे ही श्राद्ध कर्म भी पूरे करना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने के बाद पितरों का आशीर्वाद मिलता है. पितरों की मोक्ष प्राप्ति की राह भी आसान होती है.
पितरों को जल करें अर्पित
जानकार ये भी सलाह देते हैं कि जब गंगा स्नान के लिए पवित्र नदी की लहरों में उतरें. तब डुबकी लगाने के बाद अंजलि में जल भरें. और, इस जल को पितरों का नाम लेकर उन्हें अर्पित करें. इस तरह पितरों को जल अर्पित करने से पितरों की नाराजगी दूर होती है.
सूर्य देव को अर्पित करें जल
महाकुंभ में डुबकी लगाने गए हैं, तो सुबह जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी अमृत स्नान या फिर गंगा स्नान का लाभ लें. स्नान के बाद पितरों को जल अर्पित तो करना ही है. सूर्य देव को भी जल अर्पण करें. ऐसा माना जाता है कि जब आप सुबह जल्दी स्नान करते हैं. तब सूर्य देव भी आपके पूजन को स्वीकार करते हैं. ऐसी मान्यता है कि सूर्य देव को अर्पित किया गया जल भी पितरों की नाराजगी दूर करता है.
साधु संतों की सेवा करें
महाकुंभ में जाएं तो साधु संतों की सेवा का भाव लेकर भी जाएं. ऐसा माना जाता है कि जो लोग कुंभ के मेले में आकर, वहां आए साधु संतों की सेवा करते हैं. उन के पितर भी इस सेवा से प्रसन्न होते हैं. साथ ही उन्हें पितृ दोष से छुटकारा भी मिलता है.
दान पुण्य भी करें
महाकुंभ में आने वालों के लिए दान पुण्य करने का भी खूब महत्व माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि महाकुंभ में अपनी इच्छा शक्ति के अनुसार दान पुण्य करने से घर में खुशियां ही खुशियां आती हैं. लोग अपने सामर्थ्य के अनुसार सोना, चांदी, रुपये दान कर सकते हैं. ये महंगी वस्तु दान न कर सकें तो कम से कम गरीबों को और जरूरतमंदों को गर्म कपड़े जैसे कंबल, चादर, स्वेटर और टोपी का दान जरूर करना चाहिए.
पितरों के नाम का जाप करें
ऐसा भी माना जाता है कि गंगा स्नान के बाद और श्राद्ध कर्म करने के बाद गंगा के किनारे ही पितरों के नाम का जाप भी करना चाहिए. साथ ही उनकी आत्मा की शांति की कामना करना चाहिए. और, उनसे आशीर्वाद मांगना चाहिए. ऐसा करने से पितर आसानी से प्रसन्न होते हैं. और, अपना आशीष देते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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