Maha Kumbh 2025 : महाकुंभ मेला एक बार फिर सजने जा रहा है. महाकुंभ ना सिर्फ एक मेला बल्कि देश की धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर होने के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता का भी प्रतीक है. महाकुंभ पर्यटन के क्षेत्र में सबसे ज्यादा वृद्धि करता है जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है. देश के सबसे बड़े उत्तर राज्य उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रयागराज में साल 2025 में कुंभ का मेला लगने जा रहा है और यूपी सरकार की इसकी तैयारियों में जुट चुकी है. कुंभ का मेला इतना विशाल होता है कि इसे अब टेंट सिटी (Tent City) के नाम से जानता है.
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महाकुंभ मेले का एतिहासिक प्रोग्राम
गौरतलब है कि महांकुभ का मेला 12 साल में एक बार लगता है. यह भारत के चार राज्यों में आयोजित होता है जिसमें प्रयागराज (उत्तर प्रदेश), हरिद्वार (उत्तराखंड), नासिक (महाराष्ट्र) और उज्जैन (मध्य प्रदेश) शामिल हैं. वहीं, साल 2025 में महाकुंभ का मेला 13 जनवरी से लगने जा रहा है जिसकी समाप्ति 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन होगी. महाकुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम स्थल पर स्नान करते नजर आएंगे.
10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना
उत्तर प्रदेश की जनसंख्या इस वक्त 24 करोड़ है. वहीं, देश और दुनिया से महाकुंभ के मेले में 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभवाना जताई जा रही है. महाकुंभ एक धार्मिक आयोजन है. ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में श्रृद्धालुओं के आने के चलते प्रशासन मेले में सुरक्षा, परिवहन और अन्य बेसिक सुविधाओं का पूरा ध्यान रखने के लिए तैयारी कर रहा है ताकि यहां आने वाले किसी भी व्यक्ति को किसी भी तरीके की कोई परेशानी ना हो.
टेंट सिटी का निर्माण
महाकुंभ मेले को शांतिपूर्वक और बिना की किसी क्षति करने के लिए प्रयागराज में टेंट सिटी बनाई जा रही है. इसमें श्रृद्धालुओं के ठहरने और अन्य जरूरी सुविधाओं की जरूरत को पूरा किया जा सके. प्रयागराज में बन रही इस टेंट सिटी को एक शहर की तरह बनाया जा रहा है. यहां सभी काम अस्थायी ना होकर परमानेंट किए जा रहे हैं ताकि करोड़ों की संख्या में पहुंच रहे श्रद्धालुओं को यहां ठहरने के लिए किसी भी तरह की तकलीफ ना हो.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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