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This Article is From Mar 07, 2024

Mahashivratri Date: 8 या 9 मार्च, किस दिन रखा जाएगा महाशिवरात्रि का व्रत, यहां दूर कर लीजिए कंफ्यूजन

Mahashivratri 2024 Date: हर साल फाल्गुन मास में महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाता है. माना जाता है कि इस दिन पूरे मनोभाव से भगवान शिव का पूजन किया जाए तो उनकी कृपादृष्टि भक्तों पर पड़ती है. 

Mahashivratri Date: 8 या 9 मार्च, किस दिन रखा जाएगा महाशिवरात्रि का व्रत, यहां दूर कर लीजिए कंफ्यूजन
Mahashivratri Kab Hai: इस दिन रखा जाएगा महादेव के लिए व्रत. 

Mahashivratri 2024: पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि (Mahashivratri ) का पर्व मनाया जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती (Mata Parvati) विवाह के पवित्र बंधन में बंधे थे. इस चलते हर माह मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है और फाल्गुन मास में महाशिवरात्रि मनाई जाती है. महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2024) के दिन भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती का पूजन किया जाता है. इस दिन कुंवारी लड़कियां, विवाहित महिलाएं और लड़के व पुरुष भी महादेव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए महाशिवरात्रि का व्रत रखते हैं. महाशिवरात्रि का व्रत इस साल किस दिन रखा जाएगा इसे लेकर बहुत से भक्तों में कंफ्यूजन की स्थिति बनती दिख रही है. ऐसे में यहां जानिए कि 8 या 9 मार्च किस दिन रखा जाएगा महाशिवरात्रि का व्रत और कब की जाएगी महादेव की पूजा. 

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महाशिवरात्रि 2024 की तारीख | Maha Shivratri 2024 Date 

इस साल पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 8 मार्च की रात 9 बजकर 57 मिनट पर हो जाएगा और इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 9 मार्च की शाम 6 बजकर 17 मिनट पर हो जाएगा. ऐसे में 8 मार्च के दिन ही महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाना है. 

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महाशिवरात्रि के दिन चार प्रहर की पूजा का मुहूर्त 

महाशिवरात्रि के दिन प्रथम प्रहर की पूजा 8 मार्च शाम 6:25 बजे से रात 9:28 बजे तक की जा सकेगी. 

द्वितीय प्रहर की पूजा 8 मार्च रात 9:28 बजे से मध्यरात्रि 12:31 बजे से सुबह 3:34 बजे तक की जा सकेगी. 

तृतीय प्रहर की पूजा का समय 9 मार्च 12:31 एएम से सुबह 3:34 बजे तक है. 

चतुर्थ प्रहर की पूजा 9 मार्च के दिन सुबह 3:34 बजे से सुबह 6:37 बजे तक की जा सकेगी. 

बन रहा है खास संयोग 

इस साल महाशिवरात्रि के दिन ही शुक्र प्रदोष व्रत (Shukra Pradosh Vrat) भी पड़ रहा है. इस खास संयोग के चलते महाशिवरात्रि का महत्व और भी बढ़ गया है. महाशिवरात्रि व्रत और प्रदोष व्रत रखने वाले भक्तों के लिए यह संयोग बेहद फलदायी साबित हो सकता है. 

महाशिवरात्रि की पूजा 

सुबह उठकर स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण करके भक्त महाशिवरात्रि के व्रत (Mahashivratri Vrat) का संकल्प लेते हैं. भगवान शिव का स्मरण किया जाता है. भोलेनाथ की पूजा के लिए मंदिर जाया जाता है. इस दिन हरे या सफेद रंग के कपड़े पहनने बेहद शुभ माने जाते हैं. मंदिर में महादेव के समक्ष चंदन, बेर, बेलपत्र, धतूरा, शमी के पत्ते और जल आदि अर्पित किए जाते हैं. महादेव को सफेद चीजों का भोग लगाना भी बेहद शुभ माना जाता है. शिव आरती गायी जाती है और भगवान शिव के मंत्रों का जाप करना भी शुभ होता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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