हिंदू धर्म के मुताबिक, सृष्टि की रचना हुई तो भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान महेश देव त्रयी के रूप में जाने गए. इनमें से भगवान ब्रह्नम देव ने रचनाकार की जिम्मेदारी ली. वहीं भगवान शिव ने संहारक की भूमिका निभाई, लेकिन भगवान श्री हरि विष्णु ने संतों, सज्जनों, साधु लोगों और समस्त सृष्टि जो पाप रहित हो उसके पालन-पोषण और रक्षक की जिम्मेदारी ली. इस भूमिका को निभाने के लिए वह युगों-युगों में अवतार भी लेते हैं. जगत के पालनहार विष्णु जी की पूजा गुरुवार के दिन की जाती है. मान्यता है कि प्रतिदिन भगवान विष्णु के मंत्र (Bhagwan Vishnu Mantra) का जाप करने से सभी संकटों से मुक्ति मिलती है और धन-वैभव की प्राप्ति होती है. गुरुवार के दिन भगवान विष्णु का स्मरण कर 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करना फलदायी रहता है.
भगवान विष्णु के इन मंत्रों का करें जाप
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
ॐ अं वासुदेवाय नम:
ॐ आं संकर्षणाय नम:
ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:
ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:
ॐ नारायणाय नम:
ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान।
यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।।
ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।।
ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।।
शीघ्र फलदायी मंत्र- श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।
हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।- ॐ विष्णवे नम:
Lord Vishnu Puja: सृष्टि के पालहार भगवान विष्णु की पूजा के बाद पढ़ें ये आरती
ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
ॐ विष्णवे नम:
ॐ हूं विष्णवे नम:
दिल्ली: ट्रेड फेयर में सजावट के ये आइटम बने आकर्षण का केंद्र, देखिए रिपोर्ट
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं