Sawan Shivratri: सावन का महीना यानी कि शिवभक्तों के लिए साल का सबसे खास समय. जब भगवान शिव (Lord Shiva) की आराधना करने का महत्व सबसे अलग रहता है. धर्म ग्रंथों में भी यही कहा गया है कि जो भी सावन में भगवान शिव की पूजा करता है, स्वयं महादेव उसकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. इस महीने में भगवान शिव की पूजा पाठ से जुड़े कई व्रत भी आते हैं. साथ ही सावन (Sawan) के महीने में खास शिवरात्रि भी आती है. लेकिन अधिकांश लोगों को साल में आने वाली शिवरात्रि (Shivratri) और सावन में आने वाली शिवरात्रि ( Sawan Shivratri) के बीच फर्क नहीं पता है.
शिवरात्रि और सावन की शिवरात्रि में अंतर (Difference Between Shivratri And Sawan Shivratri)
1 महाशिवरात्रि, 11 शिवरात्रि
एक शिवरात्रि वो होती है जो साल में एक बार आती है. जिसे भक्त महाशिवरात्रि के नाम से पूरी धूम धाम और भक्तिभाव से मनाते हैं. ये दिन हिंदी कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन मास में आता है. इस माह आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी ही महाशिवरात्रि मनाई जाती है. ये भी मान्यता की हर माह आने वाली चतुर्दशी तिथि के स्वामी शिवजी ही होते हैं. यही वजह है कि एक महाशिवरात्रि के अलावा साल की बाकी चतुर्दशी, जो कृष्ण पक्ष में आती हैं, उन्हें भी शिवरात्रि मान कर ही पूजा पाठ की जाती है. कई भक्त इस खान दिन पर व्रत भी करते हैं. इसी तरह जब सावन में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी आती है तो उस शिवरात्रि को सावन शिवरात्रि कहा जाता है.
इस बार दो सावन शिवरात्रि
हर बार सावन माह में सिर्फ एक शिवरात्रि होती है, लेकिन इस बार सावन का महीना लंबा है. अधिक मास की वजह से सावन के दिन तकरीबन दुगने हैं. यही वजह से कि इस सावन में एक नहीं दो दो शिवरात्रि मनाई जाएगी. पहली शिवरात्रि 15 जुलाई को मनाई जाने वाली है जबकि दूसरी शिवरात्रि 14 अगस्त को मनाई जाएगी. इससे पहले एक ही सावन में दो शिवरात्रि का संजोग साल 2004 में हुआ था.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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