Kharmas Upay: हिंदू धर्म में खरमास के महीने का विशेष महत्व होता है. इस महीने में मांगलिक कार्य करने से परहेज की सलाह दी जाती है. पंचांग के अनुसार, सूर्य देव बृहस्पति की राशि धनु या मीन में प्रवेश करते हैं तो खरमास की शुरूआत हो जाती है. वहीं, सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने को धनु संक्रांति भी कहा जाता है. इस साल बीते 16 दिसंबर से खरमास की शुरूआत हो चुकी है. खरमास एक महीने का होता है इसीलिए 15 जनवरी, सोमवार के दिन खरमास (Kharmas) खत्म हो जाएंगे. खरमास के दौरान तुलसी पूजा को लेकर या तुलसी (Tulsi) को लेकर उलझन की स्थिति भी बनने लगती है. ऐसे में यह जानना जरूरी होता है कि तुलसी का इस महीने किस तरह पूजन करें या फिर तुलसी से जुड़ी किन जरूरी बातों का ख्याल रखें.
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खरमास के महीने में तुलसी पूजा | Tulsi Puja In Kharmas
तुलसी के पौधे की विशेष धार्मिक मान्यता होती है और तुलसी को माता का दर्जा दिया जाता है. कहते हैं तुलसी मां लक्ष्मी का रूप है. इस चलते घरों में तुलसी का पौधा लगाया जाता है और तुलसी की पूजा की जाती है. अन्य महीनों की तरह ही खरमास के महीने में तुलसी की पूजा की जा सकती है. तुलसी की पूजा करने के दौरान तुलसी के समक्ष दीया जलाया जा सकता है. कहते हैं तुलसी पर घी का दीया जलाना शुभ होता है.
मान्यतानुसार तुलसी मां भगवान विष्णु की प्रिय होती हैं. इसीलिए भगवान विष्णु की पूजा में विशेषरूप से तुलसी को शामिल किया जा सकता है. भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी दल शामिल करना शुभ होता है. एकादशी की पूजा में भी तुलसी दल का इस्तेमाल कर सकते हैं और एकादशी का भोग बनाते हुए उसमें तुलसी डाली जा सकती है.
खरमास के महीने में कहते हैं तुलसी के पौधे की पूजा (Tulsi Puja) करते हुए पौधा छूने से परहेज करना चाहिए. माना जाता है कि इससे पौधा दूषित हो जाता है और इसे अशुभ मानते हैं. पूजा करते हुए तुलसी के पत्ते तोड़ना भी शुभ नहीं होता है.
तुलसी के पौधे पर खरमास के महीने में सिंदूर या सुहाग की सामग्री नहीं चढ़ानी चाहिए. कहते हैं तुलसी पर सुहाग की सामग्री या फिर दुर्वा चढ़ाने पर ही मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं.
खरमास के महीने में तुलसी पर दीपदान, जलदान और धूपदान दिया जा सकता है. इसके अतिरिक्त किसी पूजा को शुभ नहीं मानते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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