कार्तिक पूर्णिमा पर आज (शुक्रवार) शिव योग बन रहा है, जो बेहद शुभ माना जाता है. मान्यता के अनुसार, शिव योग पर किसी भी मांगलिक कार्य या फिर व्यापार को शुरू करना शुभकारी माना जाता है. वहीं इस योग के चलते कार्तिक पूर्णिमा का महत्व दोगुना हो जाता है. इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा 19 नवंबर यानि आज शुक्रवार के दिन मनाई जा रही है. वहीं दान व स्नान के लिए पूर्णिमा तिथि उत्तम मानी जाती है. कार्तिक मास में दीपदान व पूजा का काफी महत्व है. हिंदू धर्म में कार्तिक मास को महत्वपूर्ण माना गया है. कार्तिक पूर्णिमा पर आज (शुक्रवार) शिव योग बन रहा है, जो बेहद शुभ माना जाता है. जानिये आज के दिन तुलसी पूजन का महत्व (Importance Of Tulsi Puja) व शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat).
कब है कार्तिक पूर्णिमा (When is Kartik Purnima)
कार्तिक पूर्णिमा आज (19 नवंबर) यानि शुक्रवार को है. वहीं, इस दिन कार्तिक मास का समापन भी हो रहा है. इस पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा (Tripuri Purnima) के नाम से भी जाना जाता है. माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) ने त्रिपुरासुर नामक असुर का वध किया था. तभी से भगवान शंकर को त्रिपुरारी कहा जाता है.
तुलसी पूजन का धार्मिक महत्व (Religious Significance Of Tulsi Puja)
कार्तिक माह भगवान श्री हरि विष्णु जी को बेहद प्रिय है, ऐसा माना जाता है. कार्तिक मास की एकादशी के दिन तुलसी जी का भगवान विष्णु के शालीग्राम रूप के साथ विवाह हुआ था. कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी पूजन, इसलिए भी किया जाता है क्योंकि मान्यताओं के अनुसार इसी दिन तुलसी का पृथ्वी पर आगमन हुआ था. मान्यता है कि इस दिन घर में तुलसी के पौधे के आगे दीपक जलाने और भगवान विष्णु की पूजा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.
पूर्णिमा तिथि व शुभ मुहूर्त (Purnima Tithi And Shubh Muhurat)
- पूर्णिमा तिथि 18 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से प्रारंभ होकर, 19 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी.
- पूर्णिमा तिथि के दिन स्नान का शुभ मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 28 मिनट तक है.
- दान करने का शुभ समय 19 नवंबर को सूर्यास्त से पहले तक है.
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व (Significance of Kartik Purnima)
हिंदू धर्म में कार्तिक मास को काफी खास माना जाता है, इसका काफी महत्व है. बता दें कि कई मुख्य और बड़े त्योहार जैसे- धनतेरस, दिवाली, गोवधर्न पूजा, भाई दूज और छठ का महापर्व इस कार्तिक मास में ही मनाया जाता है. इस कार्तिक मास को भगवान श्री हरि विष्णु का प्रिय मास माना जाता है. कार्तिक मास में पूर्णिमा का विशेष महत्व है. विष्णु पुराण के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा की तिथि को ही भगवान नारायण ने मत्स्यावतार लिया था.
स्नान और दान का महत्व (Importance of bath and charity on Kartik Purnima)
पूर्णिमा की तिथि हर महीने आती है, लेकिन कार्तिक पूर्णिमा का महत्व इन सभी पूर्णिमा की तिथियों में विशेष है. कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान और दीपदान करना अत्यंत शुभ माना गया है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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