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This Article is From Nov 09, 2021

Kartik Purnima 2021: जानें कब है कार्तिक पूर्णिमा, पूजा विधि व शुभ मुहूर्त

Kartik Purnima: हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है. इस पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा (Tripuri Purnima) के नाम से भी जाना जाता है. कार्तिक पूर्णिमा का उत्सव पांच दिनों तक चलता है. यह प्रबोधिनी एकादशी के दिन से शुरू होता है और पूर्णिमा (Purnima 2021) के दिन खत्म होता है.

Kartik Purnima 2021: जानें कब है कार्तिक पूर्णिमा, पूजा विधि व शुभ मुहूर्त
Kartik Purnima 2021: कार्तिक पूर्णिमा कब है? जानिये इस पर्व का शुभ मुहूर्त
नई दिल्ली:

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली पूर्णिमा कार्तिक पूर्णिमा कहलाती है. इस पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा (Tripuri Purnima) के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दीपदान करने की परंपरा है. कार्तिक पूर्णिमा का दिन देवी-देवताओं को खुश करने का दिन होता है, इसीलिए इस दिन लोग पवित्र गंगा में डुबकी लगाकर और दान-दक्षिणा करके पुण्य कमाया जाता है. इसके साथ ही इस दिन हवन, दान, जप, तप आदि धार्मिक कार्यों का विशेष महत्व बताया गया है. माना जाता है कि इस दिन कार्तिक स्नान करने और भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा करने से भक्तों को अपार सौभाग्य की प्राप्ति होती है. हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है. जानिये इस वर्ष कब है कार्तिक पूर्णिमा व इसकी पूजा विधि और शुभ मुहूर्त.

कार्तिक पूर्णिमा का उत्सव (Kartik Purnima Festival)

ऐसा माना जाता है कि इस दिन ही भगवान शंकर ने त्रिपुरासुर नामक असुर का विनाश किया था. तभी से भगवान शंकर (Lord Shiva) को त्रिपुरारी कहा जाता है. इस बार कार्तिक पूर्णिमा का उत्सव 19 नवंबर (शुक्रवार) को मनाया जाएगा. कार्तिक पूर्णिमा का उत्सव पांच दिनों तक चलता है. यह प्रबोधिनी एकादशी के दिन से शुरू होता है और पूर्णिमा के दिन खत्म होता है. विष्णु पुराण के अनुसार, इस दिन भगवान नारायण ने मत्स्यावतार लिया था. इसके साथ ही इस शुभ दिन पर सर्वार्थ सिद्धि नामक योग और वर्धमान योग भी लग रहा है.

कार्तिक पूर्णिमा कब है? (When Is Kartik Purnima)

इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा 19 नवंबर 2021, शुक्रवार को पड़ रही है. इसी दिन कार्तिक मास का भी समापन हो रहा है. इस पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा (Tripuri Purnima) भी कहा जाता है. पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन ही भगवान शिव (Lord Shiva) ने त्रिपुरासुर नामक असुर का विनाश किया था. तभी से भगवान शंकर को त्रिपुरारी कहा जाता है.

कार्तिक पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त (Kartik Purnima Shubh Muhurat)

  • पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 18 नवंबर (गुरुवार) दोपहर 11 बजकर 55 मिनट से.
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त- 19 नवंबर (शुक्रवार) दोपहर 02 बजकर 25 मिनट तक.

शुभ योग बन रहा है (Shubh Yog)

पंचांग के अनुसार, इस दिन यानि कार्तिक पूर्णिमा पर सर्वार्थ सिद्धि नामक योग और वर्धमान योग भी बन रहा है, जो इस दिन की पूजा के महत्व में वृद्धि कर रहे हैं.

कार्तिक पूर्णिमा पूजा विधि (Kartik Purnima Puja Vidhi)

  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें.
  • अगर संभव हो तो पवित्र नदी में स्नान करके व्रत का संकल्प करें.
  • लक्ष्मी नारायण के सामने देसी घी का दीपक जलाकर विधि-विधान से पूजा करें.
  • माना जाता है कि इस दिन सत्यनारायण की कथा करने से भगवान श्री हरि विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
  • भगवान विष्णु को इस दिन खीर का भोग लगाना चाहिए.
  • वहीं इस दिन शाम को लक्ष्मी-नारायण की आरती करके तुलसी जी के पास घी का दीपक जलाना चाहिए.
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन घर में भी दीपक जलाना चाहिए.
  • इस दिन हो सके तो गरीबों को दान दें और भूखों को भोजन कराएं.

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