Kark Sankranti 2023: ग्रहों के राजा सूर्य देव (Sun) 30 दिनों में एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं. सूर्य के एक राशि से दूसरे राशि में गोचर (Sun transit) करने को संक्रांति कहा जाता है. सूर्य देव अभी मिथुन राशि में हैं जल्द ही कर्क राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं. सूर्य के कर्क राशि में गोचर करने के दिन को कर्क संक्रांति (Kark Sankranti) कहा जाता है. हर संक्राति को भगवान सूर्य की विधि-विधान से पूजा की जाती है. इस दिन कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है जिसके बारे में आपको बताने वाले हैं.
सूर्य देव का राशि परिवर्तन
पंचांग के अनुसार, ग्रहों के राजा सूर्य देव 16 जुलाई को प्रात: 11 बजकर 29 मिनट पर मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे. कर्क राशि में सूर्य देव 19 जुलाई को पुष्य नक्षत्र, 2 अगस्त को अश्लेषा नक्षत्र और 16 अगस्त को मघा नक्षत्र में गोचर करेंगे. 16 अगस्त को सूर्य देव अपनी राशि सिंह में भी गोचर करेंगे.
कर्क संक्रांति के दिन करें इन नियमों का पालन
सूर्य देव 16 जुलाई को प्रात: 11 बजकर 29 मिनट पर मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे. इस शुभ दिन पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पूजा घर की साफ-सफाई करें. इसे दिन पवित्र नदियों में स्नान करना बेहद शुभ और फलदाई माना जाता है. अगर गंगा स्नान करना संभव नहीं हो तो घर में नहाने के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए. इस दान-पुण्य करने का भी बहुत महत्व है. संक्राति के दिन सात्विक भोजन करना चाहिए और मांस मदिरा से दूर रहना चाहिए. संक्राति के दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर उनकी पूजा करनी चाहिए. शास्त्रों के अनुसार संक्रांति के दिन सूर्य को अर्घ्य देने से भाग्य मजबूत होता है और कुंडली में मौजूद दोष दूर होते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन पवित्र जल में स्नान करने और दान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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