Kamada Ekadashi 2023: सालभर में कई एकादशी पड़ती हैं जिनमें से एक है कामदा एकादशी. कामदा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के लिए रखा जाता है. इस साल यह व्रत 1 अप्रैल के दिन रखा जाएगा. मान्यतानुसार इस व्रत को रखने पर पापों से मुक्ति मिलती है. कामदा एकादशी मोक्ष प्राप्ति की एकादशी भी कही जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था कि चैत्र शुक्ल एकादशी को ही कामदा एकादशी के रूप में जाना जाता है. यह व्रत मनुष्य पाप मुक्ति के लिए रखते हैं और भगवान विष्णु जातकों पर अपनी कृपादृष्टि बरसाते हैं.
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कामदा एकादशी व्रत की कथा | Kamada Ekadashi Vrat Katha
पौराणिक कथाओं के अनुसार एक समय की बात है जब भोगीपुर राज्य में राजा पुंडरीक नामक शासक रहा करता था. इस राजा का राज्य धन, सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य से परिपूर्ण था. इसी राज्य में एक प्रेमी युगल रहता था और उनका नाम ललित और ललिता (Lalit-Lalita) था. इस युगल में बेहद प्रेम था. एक बार राजा पुंडरीक की सभा लगी थी जिसमें ललित भी आया था और कालाकारों के साथ संगीत कार्यक्रम का हिस्सा था, परंतु, ललिता को देखते ही ललित का सुर गड़बड़ा गया. इसका राजा पुंडरीक को भी ज्ञान हो गया.
राजा ने क्रोध में आकर ललित को राक्षस बनने का श्राप दे दिया और ललित जंगल की ओर भाग गया. ललित के पीछे-पीछे ललिता भी भागी और विध्यांचल पर्वत पर पहुंच गई. यहां ललिता को श्रृंगी ऋषि का आश्रम मिला. ऋषि ने ललिता को कामदा एकादशी का व्रत (Kamada Ekadashi Vrat) रखने की सलाह दी. कामदा एकादशी पर व्रत रखने के बाद ललिता को पुण्य फल अर्जित हुआ और इसी से ललिता ललित को राक्षस योनि से निकलवाने में कामयाब हुई.
कथा के अनुसार, इसके बाद से प्रतिवर्ष ललिता पूरे श्रद्धाभाव से कामदा एकादशी का व्रत करने लगी.
कामदा एकादशी पूजा विधि- कामदा एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं.
- इसके बाद व्रत का संकल्प लिया जाता है.
- पूजा करने के लिए लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित की जाती है.
- इसके बाद प्रतिमा के समक्ष एक लोटे में जल, अक्षत, तिल और रोली डालकर रखी जाती है.
- भगवान विष्णु को भोग में फल, दूध, फूल, पंचामृत और तिल आदि अर्पित किए जाते हैं.
- इसके बाद घी का दीपक जलाते हैं.
- विष्णु भगवान की आरती के गाते हुए और व्रत कथा पढ़ने के बाद पूजा संपन्न होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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