Kalashtami 2022: कालाष्टमी हर महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी (Ashtami) के दिन मनाई जाती है. इस महीने की 25 तारीख को कालाष्टमी मनाई जाएगी. इस दिन मान्यतानुसार काल भैरव की पूजा-उपासना की जाती है. कालभैरव को भगवान शिव का ही रूप माना जाता है. कहते हैं कि इस दिन काल भैरव (Kaal Bhairav) की पूजा करने से अमोघ फल की प्राप्ति होती है और हर मुराद अथवा इच्छा भैरव पूरी करते हैं. इस महीने की कालाष्टमी (Kalaashtami) और शीतला अष्टमी एक ही दिन पर है. इस चलते अष्टमी का समय रात 10:04 मिनट तक बताया जा रहा है. वहीं, रात 1 बजकर 47 मिनट तक वरीयान योग और 4 बजकर 7 मिनट तक मूल नक्षत्र रहेगा.
कालाष्टमी पूजा विधि | Kalashtami Puja Vidhi
- तंत्र-मंत्र के देवता कहे जाने वाले काल भैरव (Kaal Bhairav) की पूजा करने के लिए भक्त सुबह सवेरे स्नान करके पूजा की तैयारी करते हैं.
- काल भैरव की पूजा में भगवान शिव के मंदिर जाना शुभ माना जाता है.
- मान्यतानुसार काल भैरव की पूजा के साथ-साथ भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा भी की जाती है.
- कहते हैं इस दिन काल भैरव की धूप, सरसो, उड़द आदि से आरती करनी चाहिए.
- काल भैरव की पूजा के बाद कुत्ते को रोटी खिलाना शुभ माना जाता है. यह रोटी मीठी होती है. इस दिन कुत्ते को डांट-डपटकर भगाना अच्छा नहीं माना जाता.
- वैसे तो काल भैरव की पूजा रात के समय होती है लेकिन यह भी कहा जाता है कि कालाष्टमी के दिन भक्तों को दिन के समय नहीं सोना चाहिए.
- खाने में इस दिन सात्विक भोजन की सलाह दी जाती है और नमक के सेवन से परहेज किया जाता है.
- भगवान शिव (Lord Shiva) के उपासक खासतौर से काल भैरव की पूजा करते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
मदुरै में धूमधाम से निकली रथ यात्रा, हजारों श्रद्धालु हुए शामिल
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं