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This Article is From Aug 21, 2023

कल रखा जाएगा मंगला गौरी का व्रत, यहां जानिए पूजा विधि और महत्व

Mangla gauri vrat significance : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिनके दांपत्य जीवन में समस्या बनी रहती है, उन्हें मंगला गौरी का व्रत रखना चाहिए.

कल रखा जाएगा मंगला गौरी का व्रत, यहां जानिए पूजा विधि और महत्व
धार्म शास्त्रों में मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat) का खास महत्व बताया गया है.

Mangla gauri vrat 2023 : श्रावण मास (shravan month 2023) का आठवा मंगला गौरी व्रत कल यानी 22 अगस्त, 2023 को रखा जाएगा. आपको बता दें कि मंगला गौरी का व्रत देवी पार्वती (Devi Parvati) को समर्पित है. इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखती हैं और पूरे विधि-विधान के साथ मां पार्वती की पूजा करती हैं. मंगला गौरी का रूप मां दुर्गा का आठवां स्वरूप है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से दांपत्य जीवन खुशहाल बना रहता है. इस व्रत से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है देवी पार्वती का. चलिए जानते हैं मंगला गौरी की पूजा विधि के बारे में.

मंगला गौरी पूजा विधि

- मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat 2022:) के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्यकर्म से निवृत होकर स्नान करें. इसके बाद साफ कपड़े पहनकर मां पार्वती का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लीजिए. इसके साथ ही 'मम पुत्रापौत्रासौभाग्यवृद्धये श्रीमंगलागौरी प्रीत्यर्थं पंचवर्ष पर्यन्तं मंगला गौरी व्रतमहं करिष्ये' इस मंत्र को बोलते हुए किसी साफ चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर मां पर्वती की तस्वीर रखिए. 

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- आटे की दीपक बनाकर उसमें गाय का घी भरकर मां पर्वती की तस्वीर के सामने रखकर जलाएं. इसके बाद मां पार्वती का षोडशोपचार पूजन करें. साथ ही माता पार्वती को लौंग, सुपारी, इलायची, फल, पान, लड्डू, सुहाग की सामग्रियां, 16 मालाएं, 16 चूड़ियां इत्यादि अर्पित करें. साथ ही मिठाई का भोग लगाएं. पूजा के दौरान ओम् गौरी शंकराय नमः इस मंत्र का जाप करें.

मंगला व्रत का महत्व 

धार्म शास्त्रों में मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat) का खास महत्व बताया गया है. मान्यता है कि विधिपूर्वक मंगला गौरी व्रत करने से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है. साथ ही दांपत्य जीवन में मधुरता बनी रहती है. मंगला गौरी व्रत रखने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है. इसके साथ ही यह व्रत संतान प्राप्ति की कामना रखने वाली महिलाओं के लिए भी शुभ फलदायी होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिनके दांपत्य जीवन में समस्या बनी रहती है, उन्हें मंगला गौरी का व्रत रखना चाहिए. माना जाता है कि मंगला गौरी व्रत से दांपत्य जीवन का कलह-क्लेश खत्म हो जाता है.

मंगला गौरी आरती

जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता
ब्रह्मा सनातन देवी शुभ फल दाता। जय मंगला गौरी...।

अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता,
जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता। जय मंगला गौरी...।

सिंह को वाहन साजे कुंडल है,
साथा देव वधु जहं गावत नृत्य करता था। जय मंगला गौरी...।

सतयुग शील सुसुन्दर नाम सटी कहलाता,
हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता। जय मंगला गौरी...।

शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता,
सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाता। जय मंगला गौरी...।

सृष्टी रूप तुही जननी शिव संग रंगराताए
नंदी भृंगी बीन लाही सारा मद माता। जय मंगला गौरी...।

देवन अरज करत हम चित को लाता,
गावत दे दे ताली मन में रंगराता। जय मंगला गौरी...।

मंगला गौरी माता की आरती जो कोई गाता
सदा सुख संपति पाता।

जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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